उगता भारत ब्यूरो
ब्रह्माण्ड (Universe) और मानव मस्तिष्क (Human brain) की तुलना करने पर शोधकर्ताओं ने पाया है कि दोनों में कई तरह की समानताएं हैं. शोध मे पता चला है कि ब्रह्माण्ड (Universe) और दिमाग (Brain) की संचरना में कई तरह की समानता है।
ब्रह्माण्ड (Universe) का कितना विशाल है यह हमारे वैज्ञानिक सुनिश्चित करने की स्थिति में नहीं हैं. लेकिन ताजा शोध ने इसके आकार (Shape) के बारे में पड़ताल करते हुए पता लगाया है कि यह एक विशाल मानव मस्तिष्क (human brain) की तरह है. शोधकर्ताओं को उनकी पड़ताल के नतीजे ब्रह्माण्ड एवं उसकी गैलेक्सी (Galaxies) और दिमाग एवं उसके तंत्रिका कोशिकाओं (Neuron cells) के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर मिले।शोध के नतीजों में कई समानताएं बहुत ही चौंकाने वाली हैं।
फ्रंटर्स ऑफ फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इन दोनों ही बहुत सिस्टम के अंतर और समानताओं का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि दोनों का पैमाना तो बहुत ही अलग है, लेकिन उनकी संरचना आश्चर्यजनक रूप से समान है। बल्कि कुछ मामलों में तो दोनों ही सिस्टम कुछ हिस्सों के मामले में एक दूसरे के अधिक समान दिखे।
इसमें शोधकर्ताओं ने एक निष्कर्ष यह भी निकाला कि बहुत अलग-अलग प्रक्रियाएं भी एक जैसे जटिल और संगठित संरचना बना सकते हैं. ऐसी मिसाल इस मामले में भी दिखाई देती है जहां इंसानी दिमाग 70 अरब तंत्रिकाओं से मिलकर बनता है तो वहीं ब्रह्माण्ड में कम से कम 100 अरब गैलेक्सी से मिलकर बना है। दोनों ही सिस्टम में एक जटिल जाल है जो लंबे तंतु और गांठ या ग्रंथियों से जुड़ा होता है. ये फैली हुईं गांठें ब्रह्माण्ड और मस्तिष्क दोनों ही की तस्वीरों में एक सी दिखाई देती हैं जो ऊपरी तौर पर एक दूसरे की समानता को दर्शाती है।
ब्रह्माण्ड (Universe) में गैलेक्सी (Galaxy) के बीच के कनेक्शन हमारे दिमाग की संरचना से मेल खाते हैं।
हर सिस्टम में जो तंतुओं का हिस्सा उनका भार का तीस प्रतिशत होता है जबकि 70 प्रतिशत भार उस हिस्से का है जो निष्क्रिय होता है, दिमाग में पानी और ब्रह्माण्ड में डार्क एनर्जी. और ज्यादा समानताओं को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने गैलेक्टिक नेटवर्क और दिमाग के हिस्सों की तुलना की। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि दोनों ही नेटवर्क में द्रव्यमान किस तरह से बिखरा होता है।
जानिए कैसे तारों की ज्वाला किसी ग्रह पर खत्म करती है जीवन की संभावनाएं
स्पैक्ट्रम घनत्व
वरोना यूनिवर्सिटी के न्यूरोसर्जन अल्बर्टो फेलेटी के साथ इस अध्ययन में काम करने वाले बोलोग्ना यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट फ्रैंको वाजा ने बताया, “हमने दोनों सिस्टम के स्पैक्ट्रल घनत्व का आंकलन किया. यह तकनीक कॉस्मोलॉजी में गैलेक्सी के स्थानिक (Spatial) वितरण के अध्ययन के लिए उपयोग में लाई जाती है.” वाजा ने कहा, “हमारे विश्लेषण से पता चला कि दिमाग में सेरेबिलम न्यूरोनल नेटवर्क में होने वाले उतार चढ़ाव का वितरण 1 माइक्रोंमीटर से लेकर 0.1 मिलीमीटर तक होता है। यह वितरण उसी तरह का है जैसा ब्रह्माण्डीय जाल में पदार्थ का वितरण है, लेकिन यह बड़े पैमाने पर है. यहां यह 50 लाख से 50 करोड़ प्रकाशवर्ष स्तर पर है.”
शोधकर्ताओं ने इन तरीकों का अध्ययन किया जिससे न्यूट्रॉन और गैलेक्सी के जाल एक दूसरे से जुड़े होते हैं।यहां पर भी उन्होंने काफी समानता पाई। ऐसे में उन्होंने पूरे सिस्टम को ज्यादा समान पाया जबकि उनके हिस्सों में कोई समानता दिखाई नहीं दी। इसके लिए उन्होंने ग्रंथियों या गांठों के बीच संबंध की तुलना की और यह देखा दोनों में कल्स्टर या समूह कैसे बनते हैं।
फेलेटी ने बताया कि एक बार फिर संचरता के स्तर कई तरह की बातें एक सी दिखाई दी। शायद दो नेटवर्क के बीच का कनेक्शन एक तरह के भौतिक नियमों के तहत बने हैं। बावजूद इसके कि दोनों में बहुत ही स्पष्ट और जाहिर किस्म के अंतर दिखाई देते हैं।गैलेक्सी और न्यूरोन्स को नियंत्रित करने की शक्तियां भी अलग हैं।
मुख्य संपादक, उगता भारत