उगता भारत के सह संपादक श्री निवास आर्य ने कहा कि गांधीवाद देश के लिए अभिशाप है। जिसके चलते देश में अनेकों समस्याएं खड़ी हुई हैं और देश का बहुसंख्यक अपने देश में रहकर भी अपने आप को अधिकार विहीन अनुभव करता है। जिसके लिए कांग्रेस की हिंदू द्रोही मानसिकता जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि सावरकर जी इस देश की हमारे देश की आत्मा का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने जो कुछ भी बोला या जो कुछ भी लिखा वह देश की नब्ज पर हाथ रख कर बोला। वह देश के बहुसंख्यक को अधिकार विहीन करने की नीतियों के आलोचक थे। यही कारण था कि उनके गांधी और नेहरू से मौलिक मतभेद रहे । यदि उनकी नीतियों को स्वीकार कर देश का निर्माण करने में कांग्रेस व कांग्रेस के नेता लगते तो आज देश विश्व शक्ति होता।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक नंद किशोर जोशी ने कहा कि रामचंद्र जी अपने जीवन काल में देश ,धर्म व संस्कृति के शत्रुओं का विनाश करने के कामों में लगे रहे और उन्होंने राक्षसों का संहार कर आर्यों के विशाल साम्राज्य का निर्माण किया। भारतवर्ष उसी परंपरा पर चलने वाला देश रहा है। कोठारी बंधुओं ने भी अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान इसी राह पर चलते हुए दिया। श्री जोशी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया और वीर सावरकर फाउंडेशन से यह अनुरोध भी किया कि वह ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित करता रहे।
कार्यक्रम के सह संयोजक सुभाष केडिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी देश को तोड़ने वाली शक्तियां षड़यंत्र रच बुनकर घृणित कार्यों में लगी हुई हैं। जिनका हमें सामूहिक रूप से सफाया करना होगा। श्री केडिया ने कहा कि हिंदू राष्ट्र ही सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान है। श्री केडिया ने जनसंख्या नियंत्रण पर बल देते हुए कहा कि किसी भी वर्ग को बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू कर देश में एक देश एक कानून लागू करने की दिशा में भी सरकार को गंभीर उपाय करने चाहिए।