मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड क्यों चाहता है ईशनिंदा कानून ?
मुहम्मद का सच सामने ना आने पाए… इसलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ईशनिंदा कानून पारित करने की मांग कर रहा है
- कानपुर में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई है… इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि देश में ईशनिंदा कानून लागू किया जाए
-ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि अब वसीम रिजवी जैसे लोग लगातार किताबें लिखकर और अन्य माध्यमों से मुहम्मद का सच लोगों के सामने ला रहे हैं… इससे इस्लाम खतरे में आ गया है और इसलिए अब ईशनिंदा कानून लागू होना चाहिए ताकि मुहम्मद के खिलाफ कोई कुछ भी नहीं बोल सके
-लीपापोती करने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये मांग की है कि ईशनिंदा कानून ऐसा हो कि किसी भी धर्म के खिलाफ कोई भी टिप्पणी ना करने पाए
-पहली बात तो ये कि ईशनिंदा का मतलब होता है कि कोई ईश्वर की निंदा नहीं कर सकता है… जबकि मुहम्मद तो पैगंबर की कैटेगरी में है इसलिए मुसमलानों को पैगंबर निंदा कानून की मांग करनी चाहिए नाकी ईश निंदा
-दूसरी बात हिंदू धर्म की जड़ें इतनी गहरी हैं कि हजारों बार हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिशें हुईं लेकिन हर बार बदनाम करने वालों को ही मुंह की खानी पड़ी… सूरज पर थूकोगे तो मुंह पर ही आकर गिरेगा । सूरज पर थूका नहीं जाता है…. आज तक ऐसा एक भी वाकया सामने नहीं आया है जब किसी हिंदू ने अपने धर्म पर गलतबयानी करने वाले किसी शख्स की गर्दन बीच सड़क पर काट दी हो
-लेकिन मुहम्मद की शान में गुस्ताखी करने वाले की गर्दनें लगातार काटी जाती रही है… लेकिन सच को दबाने से सच और मजबूत हो जाता है इसीलिए जिन पुण्यात्माओं की हत्याएं मुसलमानों ने की उनके पुण्य प्रताप से ही आज इस्लाम की नींव वसीम रिजवी जैसे लोग ही हिला रहे हैं… जो कि उन्हें के अकीदे से ही आते हैं
-तीसरी बात ये कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने धर्म की ठेकेदारी करे और हिंदू धर्म की तरफ से कोई बात नहीं करे… वो साफ साफ बोले कि हम अपने पैगंबर को बचाने के लिए ईशनिंदा कानून लाना चाहते हैं हिंदू धर्म इतना मजबूत है कि जरा जरा सी बात पर खतरे में नहीं आ जाता है
-पाकिस्तान में भी ईशनिंदा कानून लागू है और ईशनिंदा कानून में वहां पर पब्लिक ही ईशनिंदा करने वाले की मॉबलिंचिंग करके मार देती है खैबर पख्तूनवा में एक थाने को इसलिए जला कर राख कर दिया गया क्योंकि पुलिसवालों ने ईशनिंदा के आरोपी को थाने में बंद किया हुआ था… मुसलमानों की भीड़ कह रही थी कि इस आदमी को हमारे हवाले कर दो… जब हवाले नहीं किया तो मुसलमानों ने पूरा थाना ही जला दिया
-पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग के मामले लगातार सामने आते रहते हैं… पाकिस्तान में मुसलमान और मोमिन हिंदू और ईसाई लड़कियों के साथ सेक्स की डिमांड करते हैं और जब ये लड़कियां मना कर देती हैं तो उनके पूरे परिवार पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर मार दिया जाता है… ऐसी सैकड़ों घटनाएं और हजारों हिंदू बच्चियों को डरा धमकाकर उनके सामूहिक बलात्कार का सिलसिला पाकिस्तान में लगातार जारी है और हम इसका विरोध करते ह
-बड़े बड़े वामपंथी बुद्धिजीवी और सेकुलर पुरोधा जो हमेशा ये दावे करते हैं कि असमति का अधिकार होना चाहिए और मोदी सरकार असहमति को बर्दाश्त नहीं कर पाती है आज वो सारे वामपंथी बुद्धिजीवी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ईशनिंदा कानून की मांग के समर्थन में खड़े हो गए हैं… मतलब आप समझ सकते हैं कि वामपंथी बुद्धिजीवियों के मानदंड कितने दोहरे हैं
-आखिर में हम इतना ही कहना चाहते हैं कि अगर मुसलमान ये दावा करते हैं कि मुहम्मद का व्यक्तित्व सर्वश्रेष्ठ है और मुहम्मद का जीवन अनुकरणीय है और सबको मुहम्मद जैसा आचरण करना चाहिए तो दुनिया के समस्त गैरमुसमलानों को ये अधिकार भी है कि वो मुहम्मद के जीवन की पड़ताल करें… और अगर जांच पड़ताल होगी तो शास्त्रार्थ भी होगा… हमारे देश में शास्त्रार्थ की परंपरा रही है हमारे देश में ईशनिंदा कानून की परंपरा कभी नहीं रही है…
-स्वामी दयानंद सरस्वती ने और आदि शंकराचार्य ने किसी की हत्या नहीं की थी… शास्त्रार्थ किया था और शास्त्रार्थ करके ही आदि शंकराचार्य ने नष्ट हो रहे सनातन धर्म को दोबारा प्रतिष्ठित कर दिया था
-इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से ये निवेदन है कि अगर उसकी वसीम रिजवी से असहमति है तो वो एक और किताब लिखकर वसीम रिजवी की बातों को खारिज कर दे… ईशनिंदा कानून बनाकर सच बोलने वाले की जुबान बंद करना… असुरों वाला और दानवों वाला आचरण है !
श्री तुफैल चतुर्वेदी जी के विचारों से प्रेरित लेख
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