अपने माता पिता से ईमानदारी और आत्म अनुशासन सीखने वाले डा. कलाम हालांकि इस बात से खुश हैं कि उनके 99 वर्षीय भाई एपीजे एम मरईकयार तमिलनाडु के रामेश्वरम में अपने घर पर अब 24 घंटे बिजली पा रहे हैं और इसका श्रेय तकनीक को जाता है।
ये है एपीजे कलाम की जिंदगी का सबसे बड़ा अफसोस! पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपने जीवन में सबसे बड़ा अफसोस है जिसकी क्षति वो कभी पूरी नहीं कर पाएंगे।
डा. कलाम का अपने माता-पिता और ज्येष्ठ भ्राता के प्रति इतना असीम श्रद्घाभाव भारतीय संस्कारों की देन है, जिन्हें उन्होंने अपने रोम-रोम में रचा बसा लिया है। डा. कलाम का यह संस्कारित जीवन हमारी उस नई पीढ़ी के लिए अवश्य ही प्रेरणास्पद होना चाहिए जो अपनी बुजुर्ग होती पीढ़ी को वृद्घाश्रमों में धकेलकर अपने जीवन को धन्य समझ रही है। जबकि धन्य तो डा. कलाम का जीवन है, वही हमारी नई पीढ़ी के लिए आदर्श होना चाहिए।