एक मुस्लिम महिला ने लिखा कि हिन्दू बनकर मंदिर में क्या घंटा बजाओगी। हिन्दुओं के भगवान श्रीकृष्ण तो नशेडी औरतबाज थे, रासलीला रचाते थे और फिर क्यों तुम काफिर हो गई। इस प्रश्न का जवाब है कि तुम किस भ्रम में हो? यकीनन मेरे कान्हा तो योगी और वेदों के प्रकांड विद्वान और एक पत्नीव्रता थे। यकीन नहीं आता तो महाभारत पढ़ लो, उसमें स्पष्ट लिखा है कि उनका बचपन गुरु के आश्रम में जंगलों में बीता और गृहस्थाश्रम के बारे में लिखा है कि उत्तम संतान के लिए उन्होंने हिमालय के गोद में योग और वेदों के प्रकाण्ड विद्वान थे योगीपुरूष श्रीकृष्ण
बारह साल तक तप और ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए योगाभ्यास किया:
ब्रह्मचर्य महद् घोरं चीत्र्वा द्वादशवार्षिकम
हिमव् पाश्र्वमभ्येत्य यो मया तपसार्जित:
समानव्रतचारिण्या रूक्मिण्यां योअन्वजायत
सनत्कुमाररस्तेजस्वी प्रद्युम्नो नाम मे सुत
-महाभारत सौप्तिक पर्व
मेरे कान्हा ने तो शराब पर प्रतिबंध लगवाया था और उनके जमाने में सारे भारत में शराबबंदी हुई थी, यकीनन महाभारत में पढ़ लें।
आघोषितं च नगरे न पातव्या सुरेति वै महाभारतवन पर्व मेरे कान्हा को यज्ञ और संध्या में विश्वास करते थे और यात्रा के दौरान भी यज्ञ इसी प्रकार करते थे, जैसे मुस्लिम यात्रा के दौरान नमाज पढ़ते हैं, यकीकनन महाभारत में यही लिखा है, देखें प्रमाण
अवतीर्य रथात् तूर्ण कृत्वा शौचं यथा विधि
रथ मोचन मादित्य सन्ध्यामुपविवेश ह
महाभारत उद्योग पर्व
और अंत में मेरे कान्हा भगवान थे, परमेश्वर यानी ओंकार नहीं और भगवान किसे कहते हैं, जानती हो?
संपूर्ण ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य इन छह का नाम भग है, जिनके पास इनमें से एक भी हो, वह भगवान कहलाता है और मेरे कान्हा के पास तो यह सभी गुण थे। यकीनन महाभारत में यही लिखा है:
ऐश्वर्यस्व समग्रस्य धर्मस्य यशसश्श्रिय:
ज्ञान वैराग्ययोश्चैव षण्णां भाग इतिरणा।
महाभारत 6.5.74 तो आप यदि सहमत हो जाएं कि मेरे कान्हा वेदों के प्रकांड विद्वान थे और सदाचारी थे, तो अच्छा, वरना अगली पोस्ट रंगीला रसूल के कुछ पृष्ठों की होगी, जिसका जवाब तुम दे न सकोगी।
-रीता राय महासचिव हिन्दू महासभा उत्तर प्रदेश