अगर आपके पास भी ऐसा कोई शानदार बिजनेस आइडिया है, जिसके दम पर आप करोड़पति बनने के सपने सजाए बैठे हैं, लेकिन आपको मालूम नहीं कि इसे अमली जामा कैसे पहनाएं तो संभवत: यहां आपके हर सवाल का जवाब मिल जाएगा।
आइडिया की पड़ताल
सबसे पहले तो आप अपना बिजनेस आइडिया अपने परिवारवालों, परिचितों और रिश्तेदारों से डिस्कस करें और उनसे बेबाक राय लें। ये समझने की भी कोशिश करें कि क्या सच में आपका आइडिया ऐसा है, जो रातोंरात हिट हो सकता है। इसके साथ ही साथ थोड़ा मार्केट रिसर्च भी करें कि कहीं ऐसा तो नहीं कि वो आइडिया पहले से ही मौजूद है।
ये भी समझें कि क्या वास्तव में आप इस काबिल हैं कि उस आइडिया को अपनी काबिलियत के दम पर आगे ले जा सकते हैं। इतनी कवायद करने के बाद अगर आपको यकीन हो जाए कि आपका आइडिया सच में यूनिक है और इसमें आपको कामयाबी मिल सकती है, तो कम से कम इतनी पूंजी की व्यवस्था जरूर कर लें कि अगर साल भर तक आपको इस बिजनेस में कोई कमाई या लाभ नहीं हुआ या आपके बिजनेस में किसी इन्वेस्टर ने पैसा नहीं लगाया तो भी इसे बंद करने की नौबत न आए।
कैसे बनाएं टीम?
कोई भी बिजनेस अकेले दम पर कभी खड़ा नहीं हो सकता। इसके लिए एक टीम की जरूरत होगी। अगर आपके पास पर्याप्त पूंजी है कि आप जरूरी मैनपावर की व्यवस्था कर सकें तो बहुत अच्छा। अगर नहीं है तो भी बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आजकल ज्यादातर स्टार्ट-अप्स में शुरुआती टीम वो होती है, जो किसी कर्मचारी की तरह नहीं, बल्कि को-फाउंडर के रूप में उस बिजनेस से जुड़ती है। आपको भी इस मॉडल को अपनाने में झिझक नहीं होनी चाहिए। इसके जरिए आप एक बेहद सीनियर व्यक्ति को अपनी कंपनी से जोड़ सकते हैं, जिसे सैलरी देना आपके लिए फिलहाल संभव नहीं होगा। आप सबसे पहले अपने बिजनेस के लिए जरूरी मैनपावर की पहचान करें, फिर उस एरिया में ठीकठाक अनुभव रखने वाले किसी व्यक्ति को अपने साथ को-फाउंडर के तौर पर जोड़ लीजिए। इसके बदले आप उसे कंपनी में कुछ शेयर दे सकते हैं, जो उसकी भूमिका के हिसाब से न्यायसंगत हो। ऐसा करते हुए आपको बस इतना ख्याल रखना चाहिए कि वो व्यक्ति भी आपकी तरह उस प्रोजेक्ट से फुलटाइम जुड़े और उसे भी इस आइडिया पर उतना ही यकीन हो, जितना आपको। अहम भूमिकाओं में को-फाउंडर के रूप में लोगों को जोडऩे के बाद भी आपको जूनियर लेवल पर कुछ लोगों की जरूरत होगी, जिसके लिए आप कॉलेज के छात्रों को अपने प्रोजेक्ट से जोड़ सकते हैं, जिन्हें उस डिवीजन में काम करने में रुचि हो। इस काम में आपको लेट्सइंटर्न और इंटर्नशाला जैसी वेबसाइट से काफी मदद मिल सकती है।
टेक्नोलॉजी का रखें खास ख्याल
इंटरनेट पर सफल कारोबार की अनिवार्य शर्त है कि आपका वेंचर तकनीकी तौर पर बेहद मजबूत रहे। इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया हो और आपकी वेबसाइट अलग-अलग डिवाइस, मसलन डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल फोन के लिए कंपैटिबल हो। आपके इंटरनेट वेंचर में इस स्तर पर कोई कमी न रह जाए, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आपकी टीम में कम से कम एक व्यक्ति ऐसा हो, जो टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़ा रहा हो। ये वो व्यक्ति होना चाहिए, जिसे वेबसाइट डिजाइनिंग-डेवलपमेंट, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, सोशल मीडिया मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग, एफिलिएट मार्केटिंग, पेमेंट गेटवे जैसी तकनीकी चीजों की समझ हो, ताकि वेबसाइट डिजाइनिंग और डेवलपमेंट के स्तर पर कोई चूक न रह जाए। इसके लिए आपको टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड के एक सीनियर प्रोफेशनल को अपनी टीम में जोडऩे की कोशिश करनी चाहिए। बेशक आपको उसे टेक को-फाउंडर का दर्जा क्यों न देना पड़े। ऐसा करना दूरगामी स्तर पर भी काफी फायदेमंद होगा, क्योंकि जब आप अपने स्टार्ट-अप की फंडिंग के लिए इन्वेस्टर के पास जाएंगे तो आपके वेंचर में टेक को-फाउंडर की मौजूदगी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।
स्मार्ट अप्रोच कामयाबी की गारंटी
इंटरनेट की दुनिया में कामयाबी पाने के लिए आपके पास अच्छी टीम होना, अच्छी टेक्नोलॉजी होना या आपके आइडिया का बहुत यूनिक होना भर काफी नहीं है। इसके लिए बहुत जरूरी है आपका स्मार्ट होना। किसी भी बिजनेस में पूंजी के सही निवेश का बहुत महत्व है और ये चीज काफी हद तक आपके स्मार्ट अप्रोच पर निर्भर करती है। आपके बिजनेस की सफलता के लिए बहुत जरूरी है कि आप ऑपरेशनल कॉस्ट कम से कम रखें। तब तक ऑफिस न लें, जब तक आपका काम चल जाए, क्योंकि इंटरनेट वेंचर के लिए सबसे अहम है इंटरनेट कनेक्शन, न कि कोई जगह। अपने वेंचर की पब्लिसिटी पर फालतू खर्च न करें, जिसकी जरूरत न हो।
आप पब्लिसिटी के लिए सोशल मीडिया का क्रिएटिव ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न केवल आप पैसे की बचत कर पाएंगे, बल्कि अपने टारगेट ऑडिएंस को सही तरीके से अपने बारे मे बता पाएंगे, जो आपकी सफलता के लिए बहुत जरूरी है।
फंडिंग का जुगाड़ कैसे हो?
कई मामलों में लोगों के पास सिर्फ और सिर्फ आइडिया होता है। उनके पास इतनी भी पूंजी नहीं होती कि वो उसे अमली जामा पहना सकें। ऐसे लोगों के पास दो विकल्प होते हैं, पहला ये कि वो अपने परिवार, रिश्तेदारों या दोस्तों से अपने प्रोजेक्ट में पैसे लगाने को कहें और उसके बदले उन्हें शेयर दें। दूसरा तरीका ये हो सकता है कि वो इनक्यूबेटर या फिर एक्सलरेटर्स की मदद लें, जो स्टार्ट-अप को न केवल शुरुआती पूंजी निवेश मुहैया करते हैं, बल्कि जरूरी मार्गदर्शन भी करते हैं। अगर आपका बिजनेस एक लेवल तक पहुंच चुका है तब आपको फंडिंग की जरूरत है तो आप एंजेल इन्वेस्टर्स से संपर्क कर सकते हैं, जिन्हें आप गूगल, फेसबुक और लिंक्डइन के माध्यम से खोज सकते हैं।
स्टार्ट-अप की खबरों से रहें बाखबर
ऑनलाइन वेंचर शुरू करने के लिए जरूरी है कि आप इसके बारे में खुद को अपडेटेड रखें। ऐसा करने से न केवल आपको दूसरों की गलतियों से सबक लेने का मौका मिलेगा, बल्कि आप संघर्ष और कामयाबी की कहानियों से खुद के लिए भी हौसला जुटा पाएंगे। इसमें कुछ वेबसाइट बेहद मददगार साबित हो सकती हैं, मसलन योर स्टोरी डॉट कॉम, वीसी सर्किल डॉट कॉम, ई-27 डॉट कॉम और एंटरप्रिन्योर डॉट कॉम।