भगवा आतंकवाद – 26/11 मुम्बई में जेहादी हमला ; यदि कसाब जिन्दा नहीं पकड़ा जाता तो हर हिन्दू आतंकवादी होता.


ताज होटल में आतंकियों ने लोगों को हाथ दिवार से लगाकर मुँह दीवार की तरफ कर खड़ा होने के लिए कहा ! आतंकी नाम पूछते जाते और प्रत्येक हिन्दू को गोली से उड़ाते जाते…. ऐसे में एक नौजवान ने पाकी आतंकी से पूँछा कि ” किस गलती की सजा दे रहे हो ?”…..
आतंकी ने कहा ” गुजरात याद है ?.. तुम्हारा हिन्दू होना होना काफी है,तुम्हे मारने के लिए ” और गोली चली !
दिग्विजय सिंह ने इस घटना को आरएसएस का षड्यंत्र कहा और इस पर अजीज बर्नी की किताब ’26/11 आरएसएस की साज़िश’ रिलीज़ की गई… एक फ़िल्म डाइरेक्टर भी शामिल था ,इस विमोचन में… जिसका पुत्र बाद में षडयंत्रकर्ता दाऊद गिलानी का मददगार पाया गया…
हमारी सरकारें आतंकवाद को भी तुष्टिकरण की निगाह से देखती हैं… देश में आतंकवाद रुपी ज़हरीले नाग के ज़हरीले फन को कुचलने की इच्छा का अपराधिक अभाव है।

मानेसर हरियाणा में NSG हेडक्वाटर को रात खबर की गई…. सरकार को हवाई जहाज़ का इंतज़ाम करने में 2 घँटे लग गये और उसके बाद NSG के गार्ड्स अगले 2 घंटे तक खाली ऐरोड्रोम पर बैठे रहे… NSG कमांडों के हवाई अड्डे पर हवाई जहाज़ में खाली बैठे रहने की मुख्य वजह जब आप जानेंगे… तो देश का मुँह शर्म से झुक जाएगा…
देश के गृहमन्त्री शिवराज पाटिल स्वयं मुम्बई NSG कमांडो के हवाई जहाज़ में साथ जाने के इच्छुक हो गए…. उनके इंतज़ार में हवाईजहाज़ हवाई पट्टी पर कमांडों को लिए खड़ा रहा !….
उधर महाराष्ट्र सरकार ने नेवी कमांडो मांगे… कमांडो ताज होटल पहुचे तो पता चला कि नेवी कमांडो ज़मीनी आतंकी कार्यवाहियों के लिए प्रशिक्षित ही नहीं थे…. NSG को ही अलग -अलग टीमों में बाँट कर ताज होटल,होटल trident, नरीमन हाउस पर लगाया गया….
62 घंटे चला घोंघे की रफ़्तार से कथित आपरेशन, आतंकवादियों ने हर मोर्चे पर हम भारतीयों को मात दी और जैसा चाहा वैसा किया और मौत जैसी उन्होंने चाही वैसी ही पाई….
अपनी पुस्तक ‘हिंदू टेरर’ मे आर वी एस मणि ने संपूर्ण मिलीभगत का वर्णन किया है और बताया है कि किन-किन खिलाड़ियों ने ‘भगवा आतंक’ की कहानी गढ़ने के लिए मिलीभगत की और कैसे, कई वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता से लेकर कई अन्य लोग इस साजिश में शामिल थे। जिसका शिकार कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा जैसे लोग बने।

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