जब भी देश में कहीं भी चुनाव होने को होते हैं, पोल सर्वे आने लगते हैं, कितने सही उतरते हैं, कितने गलत यह चुनाव परिणाम आने पर ही सामने आता है। साल 2022 में पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर इस समय सबकी नजरें हैं। ऐसे में एबीपी न्यूज के सी वोटर ने जनता का रुख जानने के लिए इन पाँचों राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब) में 1 लाख 7 हजार से अधिक लोगों पर सर्वे किया है। इस सर्वे में जो नतीजे निकल कर आए हैं वो कुछ लोगों की अपेक्षाओं से मेल खाते हैं वहीं कुछ के लिए ये संतोषजनक नहीं है।
सबसे ज्यादा नजरें इस बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हैं। वहाँ कुल 403 विधानसभा सीटों पर वोट पड़ने हैं। कुछ लोग मान रहे हैं कि इस बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी दोबारा लौटकर रिकॉर्ड बनाएगी और कुछ को अखिलेश यादव के आने की उम्मीद है। बीजेपी के पुनः सत्ता में आने के कई कारण माने जा रहे हैं, जैसे योगी राज में हिन्दू अपने तीज-त्यौहार जिस उत्साह से मना रहे हैं, तुष्टिकरण के चलते उतने उत्साह से कभी नहीं मना पाते थे; दूसरे, वर्षों से विवादित रहे अयोध्या में राममंदिर के पुनः निर्माण का श्रीगणेश होना, प्रदेश में गुंडागर्दी पर लगाम, पहले से अधिक बिजली सप्लाई आदि का सामान्य जनजीवन पर बहुत असर पड़ने के कारण लोग उत्तर प्रदेश में वापस योगी सरकार को ही चाहते हैं। ऐसे में एबीपी सी-वोटर सर्वे के अनुसार यूपी में भाजपा को 213 से 221 सीट मिलने का अनुमान है, जबकि अखिलेश यादव की सपा को 152-160 सीट मिल सकती हैं। इस सर्वे में मायावती की बसपा को 16-20 सीट मिलने की बात कही गई है और कांग्रेस के हिस्से 6-10 सीट आ सकती है। यूपी में बीजेपी का वोट शेयर सबसे आगे है। पार्टी को 41% वोट मिल सकते हैं। वहीं सपा 31%, बीएसपी 15%, कांग्रेस 9% और अन्य को 4% वोट मिलने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में जहाँ भाजपा के साथ सपा की कड़ी टक्कर है। वहीं उत्तराखंड में बीजेपी के सामने कांग्रेस चुनौती है। सी वोटर सर्वे के अनुसार बीजेपी को प्रदेश में 41% वोट शेयर के साथ 36-40 सीट मिलेंगी जबकि कांग्रेस इस सर्वे में ज्यादा पीछे नहीं है वहाँ पार्टी को 36 % वोट शेयर के साथ 30-34 सीट मिलने का अनुमान है। आम आदमी पार्टी के खाते में 0-2 सीटें आ सकती हैं।
इसके बाद गोवा में सीधे-सीधे भाजपा के लौटने के आसार है। यदि इस सर्वेक्षण की मानें तो भारतीय जनता पार्टी के इर्द-गिर्द कोई पार्टी नहीं है। यहाँ भाजपा के खाते में 19-23 सीटें आती दिख रही हैं जबकि कांग्रेस 2-6 सीट पाकर सिमटती दिख रही है। AAP को भी यहाँ 3-7 सीट मिलेगी और अन्य के खाते में 8-12 सीटें आएँगी।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा की तरह मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के लौटने के आसार हैं। सर्वे में 25-29 सीट बीजेपी के खाते में, 20-24 सीट कांग्रेस के हिस्से में वहीं एनपीएफ 4-7 सीट मिल सकती हैं। वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 39फीसद वोट मिलेंगे, कांग्रेस को 33%,एनपीएफ को 9% और अन्य के हिस्से 19% वोट आएँगे।
इसके बाद पंजाब में न बीजेपी और न ही कांग्रेस के पास सत्ता आती दिख रही है बल्कि अनुमान है कि इस बार आम आदमी पार्टी बाजी मारेगी। कांग्रेस ने 2017 में वहाँ 70 सीट पर विजय प्राप्त की थी लेकिन अब 42 से 50 सीटों में वह सिमटते दिख रहे है। क्योकि सिद्धू और अमरिंदर सिंह हुए घमासान ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुँचाया है। चुनाव में आम आदमी पार्टी को 47 से 53 सीट मिल सकती है और बीजेपी को यहाँ 16 से 24 सीट के बीच सीट पाकर ही संतोष करना पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी की आशाओं पर पानी वर्तमान में दिल्ली में यमुना के दूषित जल में छठ पर्व का मनाना, किसी न किसी विभाग का वेतन रोकना, कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को दिल्ली से भागने के लिए मजबूर करना आदि कारण इसे सत्ता से दूर कर सकते हैं। लेकिन दिल्ली की भांति पंजाब में भी बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए आप और कांग्रेस की मिलीजुली सरकार बनने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।