जब से दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार आयी है, कभी किसी को वेतन नहीं मिलता तो कभी किसी को। परन्तु जब वेतन न दिए जाने की बात आती है, आरोप केंद्र में मोदी सरकार पर डाल अपनी ईमानदारी का ढोल पीटने लगते हैं और जनता केजरीवाल के झूठे आरोपों को सच मान लेती है। दिल्ली से बाहर जाकर जो दिल्ली की मिसाल देकर उस राज्य की भोली-भाली जनता को मुफ्त की बिजली पानी का लालच देकर सत्ता हथियाने का प्रयास के रहे, लेकिन दिल्ली से बाहर वालों को यह नहीं मालूम की केजरीवाल अपने प्रचार में दूसरों का वेतन प्रयोग कर रहे हैं। मुस्लिम वोट को खुश करने के लिए वक़्फ़ बोर्ड और इमामों पर कर्मचारियों का वेतन रोक धनवर्षा करते रहते हैं।
दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के 12 कॉलेजों के शिक्षकों को पाँच महीने से वेतन न दिए जाने का आरोप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगा है। प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने इस सम्बन्ध में उन्हें पत्र लिखा है और उनके घर के बाहर धरने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुभकामनाएँ देते हैं, लेकिन इसी समय उनकी आँखों में 2000 परिवारों की बुझी हुई दीवाली भी है। राकेश सिन्हा ने 3 नवंबर, 2021 को पत्र लिखा।
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज जो दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं, उन्हें पिछले 4-5 महीनों से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने उदाहरण के लिए रूप में महाराजा अग्रसेन कॉलेज के 116 शिक्षकों, 75 कर्मचारियों और 7 सेवानिवृत्त लोगों का जिक्र किया। उन्होंने जानकारी दी कि दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के 122 शिक्षकों और 80 कर्मचारियों को क्रमशः 4 एवं 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ये AAP सरकार का उच्च शिक्षा पर सीधा प्रहार है।
प्रोफेसर व राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने अपने पत्र में लिखा है, “कॉलेजों को मृतप्राय कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल निजी शिक्षण संस्थानों की मदद कर रहे हैं। आपकी सरकार ये सब सोचे-समझे साजिश के तहत कर रही है। राजगुरु कॉलेज को 3 वर्ष से भवन के रखरखाव के रुपए नहीं मिले हैं। दिल्ली सरकार के विज्ञापनों को देख कर लग रहा है कि आप लोगों का दर्द का उपहास उड़ा रहे हैं। आपकी संवेदनशीलता मर चुकी है, वरना आप 2000 परिवारों को अँधेरे में रहने और अपने हक़ से वंचित होने को बाध्य नहीं करते।”
राकेश सिन्हा ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्होंने पिछले साल भी राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया था, परन्तु जिनका जनतंत्र में ही विश्वास नहीं है वो सदन में कही गई बातों की क्या परवाह करेंगे? उन्होंने अपील की कि जल्द ही इन कॉलेजों के बकाया फंड को जारी किया जाए और भविष्य में नियमित वेतन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ऐलान किया कि त्वरित कदम नहीं उठाए गए तो वो 6 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर सांकेतिक धरना देंगे। उन्होंने कहा कि ‘केजरीवाल की संवेदनहीनता’ को वो जगाने की कोशिश करेंगे।
‘दिल्ली गवर्नमेंट टीचर्स एसोसिएशन (DGTA)’ भी दिल्ली सरकार द्वारा फंडेड कॉलेजों के शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने से नाराज़ है। साथ ही कॉलेजों को ग्रांट देने का जो उन्होंने वादा किया था, उसे भी पूरा नहीं किया गया है। DUTA ये मामला UGC के समक्ष भी था चुका है। त्योहारों के मौसम में रुपए न मिलने के कारण शिक्षकों के परिवारों को खासी परेशानी हो रही है। शिक्षकों का कहना है कि वो पहले से ही कोरोना की मार झेल रहे हैं।