सूर्य चंद्र की किरणें आओ!
आओ गगन धरा पर आओ!
आओ नवरस नवलय आओ!
आओ दिग्दिगंत पर आओ!
जगमग जग को कर जाओ!
आलोक देवता आओ !!
हर आंगन में
मन प्रांगण में
उजड़े उजड़े वन कानन में,
बहुरंगे फूल खिलाओ!
आलोक देवता आओ!
तम गहरा है
गम ठहरा है
कदम-कदम निर्मम पहरा है,
संवेदन दीप जलाओ!
आलोक देवता आओ!
कठिन समय है
मौन हृदय है
चीख गूंजती क्या विस्मय है,
संशय सब दूर भगाओ!
आलोक देवता आओ!
घर घर सूना
दुख है दूना
जन-जन है बन गया नमूना,
खुशियों का पता बताओ!
आलोक देवता आओ!!
‘शुभानंदी’
नीतीश्वर मार्ग, आमगोला
मुजफ्फरपुर-842002
मोबाइल 6200367503
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।