आलोक देवता आओ

* संजय पंकज
सूर्य चंद्र की किरणें आओ!
आओ गगन धरा पर आओ!
आओ नवरस नवलय आओ!
आओ दिग्दिगंत पर आओ!
जगमग जग को कर जाओ!
आलोक देवता आओ !!
हर आंगन में
मन प्रांगण में
उजड़े उजड़े वन कानन में,
बहुरंगे फूल खिलाओ!
आलोक देवता आओ!
तम गहरा है
गम ठहरा है
कदम-कदम निर्मम पहरा है,
संवेदन दीप जलाओ!
आलोक देवता आओ!
कठिन समय है
मौन हृदय है
चीख गूंजती क्या विस्मय है,
संशय सब दूर भगाओ!
आलोक देवता आओ!
घर घर सूना
दुख है दूना
जन-जन है बन गया नमूना,
खुशियों का पता बताओ!
आलोक देवता आओ!!
‘शुभानंदी’
नीतीश्वर मार्ग, आमगोला
मुजफ्फरपुर-842002
मोबाइल 6200367503

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