अरे ओ आधुनिक विज्ञान, सुना है तुम हो बहुत महान।
मेरी भी कुछ शंकाओं का, है क्या तेरे पास निदान?।।
अरे ओ आधुनिक विज्ञान।
ईश्वर की शक्ति सविता ने, किया था सृष्टि का संचार।
आदि काल से ही करता आया, नित नूतन आविष्कार।।
पढ़े सुने और देखे तेरे, कितने ही चमत्कार।
सोचा तेरे द्वारा होगा, हर प्राणी का उपकार।।
जीवन जटिलता के घेरों से, तुमने आसान बनाया।
धरती के प्राणी मानव को, इस चांद के ऊपर पहुंचाया।।
ये देख रास्ता अंतरिक्ष का, मन में काफी हर्षाया।
इंसान नही शैतान बना, नादानी से बाज नही आया।।