बालेन्दु शर्मा दाधीच
कंपनी छोटी हो या बड़ी, अपने ग्राहकों के साथ लगातार संपर्क में रहना और नए ग्राहकों तक पहुँचना कौन नहीं चाहेगी? मगर छोटी तथा मझौली कंपनियों के लिए अपना कॉल सेंटर स्थापित करना या किसी बीपीओ कंपनी की सेवाएँ लेना खर्चीला सिद्ध हो सकता है।
नोलैरिटी नामक स्टार्ट अप ने क्लाउड टेलीफोनी के जरिए यही काम बहुत सस्ता और आसान बना दिया है। आईआईटी कानपुर के दो छात्रों अंबरीश गुप्ता और पल्लव पांडेय ने अगस्त 2009 में नोलैरिटी की शुरूआत की थी। यह कंपनी छोटे-बड़े कारोबारी संस्थानों में ग्राहकों की तरफ से आने वाले अनगिनत टेलीफोन कॉल खुद सुनने और मैनेज करने की सुविधा देती है। अगर आपकी छोटी सी फर्म अपनी अलग कस्टमर केयर सर्विस शुरू करना चाहती है तो कोई समस्या नहीं। अगर आप नए ग्राहकों की तरफ से आने वाली जिज्ञासाओं में अपना समय बर्बाद किए बिना सिर्फ काम के लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं तो भी कोई दिक्कत नहीं। अगर आप आफ्टर सेल सर्विस देना चाहते हैं और ग्राहकों को टेलीफोन पर संपर्क करने की सुविधा देना चाहते हैं तो वह भी संभव है, बड़े आराम से।
ऐसा इसलिए क्योंकि आपके लिए यह क्लाउड टेलीफोनी कंपनी टेलीफोन कॉल्स सुनने और जवाब देने का जिम्मा उठाने को तैयार है। नोलैरिटी की एक सेवा है- ‘सुपर रिसेप्शनिस्ट’ जो बहुत कम फीस लेकर आपके लिए यह काम करती है। जो ग्राहक काम के हैं, सिर्फ वही सुपर रिशेप्शनिस्ट से बात करने के बाद आप तक पहुँचाए जाते हैं। फीस? छह महीने के लिए सिर्फ 3350 रुपए, जिसमें 3500 मिनट के कॉल्स शामिल हैं। सुपर रिसेप्शनिस्ट अब एंड्रोइड एप्प के रूप में भी उपलब्ध है। क्लाउड टेलीफोनी के युग में छोटी या मझौली कंपनियों के लिए खुद को बड़े ब्रांड और विशाल कंपनी के रूप में पेश करना मुश्किल नहीं रहा।
नोलैरिटी अपने ग्राहकों को सुपर रिसेप्शनिस्ट के अलावा भी क्लाउड पर आधारित अनेक सेवाएँ उपलब्ध कराती है। मिसाल के तौर पर के-ब्रॉडकास्ट, जिसके तहत ऑटोमैटिक एसएमएस और वॉयस कैम्पेन आयोजित किए जा सकते हैं। मार्केटिंग के लिहाज से इस तरह के स्वचालित संदेशों की खासी अहमियत है और ये नए लोगों तक पहुँचने व नए ग्राहक तैयार करने में मदद करते हैं। आजकल अनेक कंपनियाँ, राजनैतिक दल और टेलीविजन कार्यक्रम मिस्ड कॉल की सुविधा का इस्तेमाल अप्रत्यक्ष ढंग से, मुफ्त में संदेश भेजने-पाने के लिए करते हैं। नोलैरिटी के जरिए छोटे और मझौले कारोबारी भी इस सुविधा को हासिल कर सकते हैं। अगर आपकी कंपनी की कोई वेबसाइट है और आप चाहते हैं कि उस पर आने वाले लोग सीधे वेबसाइट पर दिए एक बटन को क्लिक कर आपसे बात कर सकें तो ‘क्लिक टू कॉल’ नामक सुविधा के जरिए आपकी साइट में यह सुविधा भी जुड़ सकती है।
अगर आप अपने ग्राहकों को टोल-फ्री नंबर की सुविधा देना चाहते हैं तो सरकारी औपचारिकताओं में पड़े बिना इसे नोलैरिटी की मदद से हासिल कर सकते हैं। इसी तरह, अगर कोई कारोबारी इस तरह के तमाम संदेशों का विश्लेषण करना चाहता है और उनके आधार पर अपने विज्ञापन, प्रचार, उत्पाद डिजाइन या सेवाओं से संबंधित (कस्टमाइज्ड) फैसले करना चाहता है तो नोलैरिटी की क्लाउड आईवीआर सुविधा काम की सिद्ध हो सकती है। इतना ही नहीं, बड़ी कंपनियाँ चाहें तो इस तरह के संचार तंत्र (टेलीफोन, एसएमएस आदि) को अपने कस्टमर रिलेशनसिप मैनेजमेंट सिस्टम से भी जोड़ सकती हैं। नोलैरिटी ने छोटे व्यापारियों, उद्योगों और सेवा-प्रदाताओं के लिए ऐसी कई सुविधाएँ सस्ती दरों पर पेश कर दी हैं, जो अब तक बड़े संस्थानों तक ही सीमित हुआ करती थीं।