राह बदल दी नदियों की, कर बांधों का निर्माण।
चट्टानों में सुरंग बना दी, जो खड़ी थी सीना तान।
की हरियाली उन क्षेत्रों में, जो कभी थे रेगिस्तान।
नये बीज और यंत्रों द्वारा, आयी हरित क्रांति महान।
आकाश से बातें करने वाले, ऊंचे महल बनाये।
सागर सीना चीरने वाले, दु्रतगामी जलयान बनाए।
जो नभ की ढूढ़ें गहराई, ऐसे राकेट वायुयान बनाए।
डॉक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, जाने कितने बनाये?
किंतु कभी क्या बना सकेगा, देव तुल्य इंसान?
अरे ओ आधुनिक विज्ञान!