हमारा राष्ट्रीय पर्व और पाक
आज भारत अपना 69वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक देशवासी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है। यह सैकड़ों वर्ष के संघर्ष के पश्चात और लाखों करोड़ों बलिदानों के पश्चात मिली हमारी आजादी की वर्षगांठ होती है, जिस पर हर्ष और उल्लास का वातावरण होना स्वाभाविक है।
जब देश आजाद हुआ तो उसी दिन पाकिस्तान नाम के एक शत्रु का भी जन्म हमारे लिए हुआ। जो लोग यह मानते हैं कि हिंदू मुस्लिम दो राष्ट्रों में भारत को बांटने की साजिश अंग्रेजों की थी, वह धोखे में हैं। उनसे पूछा जा सकता है कि यदि पाकिस्तान अंग्रेजों ने बनवा दिया था तो अब तो पाकिस्तान को बने 68 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, उसके व्यवहार भारत के प्रति मित्रता पूर्ण क्यों नही होता?
पाकिस्तान हमसे निरंतर शत्रुता मानता है उसने अब भी कह दिया है कि वह कश्मीरियों के आजादी के जायज संघर्ष को कभी नहीं छोड़ेगा और भारत के साथ सामान्य एवं सहयोगी संबंधों के लिए दशकों पुराने इस विवाद को सुलझाना आवश्यक समझता है।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में यह बात कही। बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को न तो नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही उन्हें ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है। उनके जायज संघर्ष में भले ही और कितना भी समय लगे, पाकिस्तान कश्मीरियों और उनके आंदोलन को नहीं छोड़ेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान भारत के साथ हमेशा सामान्य एवं सहयोगी संबंध चाहता है। इसके लिए यह जरूरी है कि संबंधों को सुधारने के लिए खासकर जम्मू-कश्मीर विवाद समेत सभी मौजूदा मसलों को सुलझाया जाए। ‘उगता भारत’ सभी पाठकों और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि ऐसी आग लगाने वाली टिप्पणियों पर काश्मीर की जनता और सरकार की ओर से कुछ नही बोला जाता। ऐसा क्यों है?
–देवेन्द्रसिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।