जिस किसान आंदोलन को मोदी विरोधी तन, मन और धन से अपना समर्थन दे रहे,
लखीमपुर हिंसा मामले को जहां कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं देश विरोधी ताकतें भी इसका फायदा उठाने में लगी हैं। जो इस बात को दर्शाती है कि मोदी-योगी विरोधियों को देश से नहीं बल्कि देश विरोधी ताकतों से कितना लगाव है। 4 अक्टूबर, 2021 को खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो और एक पत्र जारी किया था। इसमें पन्नू ने 9 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का घेराव करने के लिए भड़काया था। साथ ही ड्रोन और ट्रैक्टर का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।
अपने बयान में पन्नू ने कहा, “आज यूपी के लखीमपुर में चार किसानों की हत्या कर दी गई। किसानों के विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं। अब खालिस्तान ही एकमात्र रास्ता है। किसान हल खालिस्तान।” पन्नू ने कहा आगे कहा, “योगी और अजय मिश्रा को घेरो। हथियार मत उठाओ। कानूनी आतंक का प्रयोग करो। उन्हें घर में ही नजरबंद कर दो। केवल खालिस्तान ही आपकी समस्याओं का समाधान कर सकता है। अगर सैकड़ों मौतें आजादी के लिए होतीं तो हम अब तक आजादी पा चुके होते।”
लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिजनों से गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई मुआवजा राशि वापस कर दें। वह उन्हें दोगुनी राशि प्रदान करेगा। पन्नू ने एक पत्र जारी कर घटना में मारे गए हर किसान के परिवार को 7,500 डॉलर देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उसने यह भी उल्लेख किया कि 9 अक्टूबर ही वह दिन है, जब सुखा और जिंदा को जनरल एएस वैद्य की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने के बाद फांसी दी गई थी।
किसान आंदोलन की आड़ में सिख फॉर जस्टिस लगातार साजिशों को अंजाम दे रहा है। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वालों के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की थी। पॉप सिंगर रिहाना को किसान आंदोलन के समर्थन में पोस्ट करने के बदले 2.5 मिलियन डॉलर यानि करीब 18 करोड़ रुपये मिले थे। इस डील के पीछे कनाडा की पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का हाथ था, जिसने दिल्ली में प्रदर्शन की प्लानिंग की थी और टूलकिट नाम का एक डॉक्यूमेंट तैयार किया था।
पन्नू की धमकी के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और राज्य पुलिस मुख्यमंत्री योगी की सुरक्षा को लेकर सचेत हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी के सुरक्षा घेरे और रूट को लेकर कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। भारत में देशविरोधी कैंपेन चलाने के आरोप में साल 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाया गया था। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि मौजूदा समय में पन्नू भारत का नागरिक नहीं है। उसके खिलाफ कार्रवाई में यही सबसे बड़ी बाधा बन गई है। हालांकि एनआईए ने पंजाब और हरियाणा में पन्नू के खिलाफ कई केस दर्ज किए हैं।