Categories
उगता भारत न्यूज़

*निर्विघ्न विधिवत संपन्न हुआ सामवेद पारायण महायज्ञ* अनेकों अतिथियों ने की शिरकत : आर्य बंधु परिवार ने हृदय तल से किया सभी का स्वागत सम्मान

आर्य सागर खारी

अवगत हो कि 7 अक्टूबर 2021 को मूलतः जनपद गौतम बुध नगर की दादरी तहसील के महावड़ गांव  निवासी प्रसिद्ध इतिहासकार, चिंतक ,लेखक ,अधिवक्ता एवम पत्रकार डॉ राकेश कुमार आर्य ,वरिष्ठ अधिवक्ता व चिंतक देवेंद्रसिंह आर्य , वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर विजेन्द्रसिंह आर्य , सूबेदार मेजर वीरसिंह आर्य  की दिवंगत माता श्रीमती सत्यवती आर्या  की 97 वीं जयंती के पावन उपलक्ष्य में तीन दिवसीय सामवेद पारायण महायज्ञ का अनुष्ठान किया गया। जिसकी 10 अक्टूबर को प्रातः 10:00 बजे पूर्णाहुति हुई।
     समूचे आर्य बंधु परिवार ने मिलकर इस अनुष्ठान का आयोजन किया। खुले हृदय से अतिथि सत्कार , विद्वानों का सम्मान किया गया। तीन दिवसीय यज्ञ के पांच सत्रों में सामवेद के अनेकों मंत्रों  की व्याख्या यज्ञ के ब्रह्मा  आचार्य विद्या देव जी ने की। कर्मकांड में कोई न्यूनता नहीं बरती गई। शुद्ध सामग्री और घी  का प्रयोग किया गया । सभी ने श्रद्धा से आहुतियां प्रदान कीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध वानप्रस्थी देव मुनि जी ने की। सामवेद का सुस्वर पाठ वैदिक मूल्यों और शिक्षा को समर्पित आर्य जगत के उभरते हुए गुरुकुल मुर्शदपुर ग्रेटर नोएडा के ब्रह्मचारी गण ने किया। माता सत्यवती जी के ज्येष्ठ पुत्र प्रोफेसर विजेंदर सिंह जी ने अपनी माताजी के जीवन वृत्त को सभी उपस्थित लोगों के साथ सांझा किया।
   उन्होंने कहा कि माता तो होती ही महान है , लेकिन हमारी माता का व्यक्तित्व इतना अनूठा और करुणामय था कि मेरे शब्द मेरी भावनाओं के आगे कमजोर पड़ रहे हैं। यह कहते हुए वह भावुक हो गए। माता सत्यवती जी के दूसरे पुत्र वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्रसिंह आर्य जी ने कहा कि  माताजी द्वारा गई  शिक्षा व अनुशासन के पाठ के कारण ही आज वह समाज की विविध पक्षों में सेवा कर रहे हैं । धर्म ,राष्ट्र, संस्कृति को हम विविधता पूर्ण अपनी वाणी , लेखनी व आचरण से योगदान देने के योग्य बन पाए हैं। आज हम जो भी हैं इसमें हमारी पूज्या त्याग व तप की मूर्ति माता सत्यवती आर्या जी  का ही योगदान है।
     कार्यक्रम के दौरान ही आर्य बंधु परिवार के तीसरे स्तंभ डॉ राकेश कुमार आर्य जी उनके आवास पर यह अनुष्ठान आयोजित किया गया। उन्होंने सभी अतिथि गण का हार्दिक आभार स्वागत अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मैंने अनेकों  सभाओं में वक्ता / मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की है, लेकिन आज मैं वक्ता के तौर पर नहीं केवल आप सभी आमंत्रित अतिथियों, महानुभावों, विद्वानों को सुनने के लिए लालयित हूँ । आपने इस अनुष्ठान में सहभागिता की अपना समय दिया, इसकी शोभा को बढ़ाया – हमारा संपूर्ण परिवार आपका कृतज्ञ और ऋणी रहेगा ।         कार्यक्रम के समापन समारोह में सैकड़ों व्यक्तियों की उपस्थिति रही सभी का यथा योग्य सम्मान किया गया। सभी महानुभावों ने अपने विचार रखे । कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षाविद आर्य नेता मास्टर ज्ञानेंद्र आर्य इकला  ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा आर्य बंधु परिवार की प्रत्येक गतिविधियां और कार्य सराहनीय होते हैं । वरिष्ठ अधिवक्ता राम शरण नगर ने भी अपने विचार रखे ।उन्होंने कहा मैं इस परिवार का 30 वर्षों से हिस्सा हूं। मेरी अनेक सुखद स्मृतियां इस परिवार से जुड़ी हुई हैं। भाजपा नेता मुकेश नागर ने अपने विचार रखते हुए कहा आदरणीय एडवोकेट देवेंद्र आर्य जी मेरे गुरु हैं। इस परिवार से मुझे समाज राष्ट्र की सेवा के मामले में काफी कुछ सीखने को मिला है ।
      रईस राम भाटी  ने कहा कि हमें ऐसे ही अपने पूर्वजों की जयंतियों को मनाना चाहिए। यज्ञ व दान के माध्यम से भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री हरीश चंद भाटी जी ने बोलते हुए कहा कि भाई राकेश कुमार आर्य जी जो आर्य बंधु परिवार के मजबूत स्तंभ हैं, उन्होंने सैकड़ों पुस्तक लिखी हैं, उनके साहित्य के योगदान से गुर्जर समाज ही गौरवान्वित नहीं हुआ है बल्कि सारे समाज को गर्व है। उन्होंने बिना थके देश संस्कृति की सेवा की है। मैं इनकी सक्रियता का कायल हूं।
     कार्यक्रम में दादरी ब्लाक प्रमुख विजेंद्र भाटी सहित क्षेत्र के तमाम प्रमुख वरिष्ठ समाजसेवी  नेता गण ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन स्वयं लेखक ने किया। अध्यक्षता सपा के वरिष्ठ नेता चौधरी  गजराज सिंह यादव ने की। कार्यक्रम के समापन में अंसल हाउसिंग आवासीय सोसाइटी जहां यह अनुष्ठान हुआ, उसकी एक प्रमुख स्ट्रीट गली का नाम करण आर्य समाज के संस्थापक वेद उद्धारक महर्षि दयानंद स्ट्रीट के नाम पर किया गया । यह पुनीत कार्य हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बाबा नंद किशोर जी के कर कमलों से हुआ। तत्पश्चात सभी ने सामूहिक भोज का आनंद लिया। पूरे आर्य बंधु परिवार ने यह अग्रिम सद घोषणा की कि वेदों के पारायण  यज्ञ के ऐसे व्यापक  अनुष्ठान प्रत्येक वर्ष  निरंतरता से कराएंगे । आप सभी महानुभावों का सहयोग ईश्वर की कृपा हम पर ऐसे ही बनी रहे।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version