हरि सिंह नलवा…. जिनके डर से पठान आज भी स्त्रियों के वस्त्र पहनते हैं…
हरि सिंह नलवा…. जिनके डर से पठान आज भी स्त्रियों के वस्त्र , जिसे आज पठानी सूट कहा जाता है वो दरअसल स्त्रियों द्वारा पहने जाने वाला सलवार कमीज है !
(ये लेख उन सभी के लिए उपयोगी है जो इतिहास और फैशन डिजाइनिंग में रुचि रखते हैं )
- एक बार की बात है दिल्ली के हिंदी भवन में आचार्य धर्मेंद्र जी महाराज का भाषण होने वाला था । मुझे उनके भाषण बहुत पसंद हैं । संयोग से मैं उस वक्त दिल्ली में ही था तो मैं भी हिंदी भवन चला गया ।
-उसी मंच पर एक वयोवृद्ध सरदार जी ने भाषण दिया… उनकी उम्र 80 साल से ज्यादा थी… और उन्होंने कड़क कर बिजली के समान ध्वनि के साथ कहा… अरे इन कन्वर्टेड मुसल्लों की औकात क्या है ? हमारे पूर्वज हरि सिंह नलवा ने पठानों को सलवार पहना दी… आज भी सिखों के डर से पठान सलवार पहनते हैं… इस बात पर मंच से खूब तालियां बजीं… भाषण बहुत अच्छा था… लेकिन मेरा दिमाग इस बयान की ऐतिहासिक सत्यता और प्रमाण तलाश करने में लग गया ।
- अभी कुछ दिनों से एक पोस्ट भी सोशल मीडिया पर वायरल थी जिसमें ये बताया गया था कि हरि सिंह नलवा के डर से पठानों ने पंजाबी महिलाओं की सलवार पहनना शुरू कर दिया था । लेकिन इस पोस्ट में भी कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं दिया गया था । आखिरकार मैंने अपनी रिसर्च शुरू की जिसमें मुझे इस संबंध में कई महत्वपूर्ण तथ्य मिले हैं ।
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आज से 10 साल पहले पठानों के प्रभाव वाले आतंकवादी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनवां, पेशावर, फाटा के पाकिस्तानी इलाकों में अपनी प्रभुत्व कायम कर लिया था । तब इस आतंकवादी संगठन ने सारे पठानों के लिए एक ड्रेस कोड लागू कर दिया था… और वो ड्रेस कोड ये था कि सभी पठानों को पठानी सूट… यानी सलवार कमीज पहननी होगी… उस वक्त पाकिस्तान की स्वात रियासत के क्राउन प्रिंस… पूर्व पाकिस्तानी तानाशाह अयूब खान के दामाद… पाकिस्तान के पूर्व सांसद और बलूचिस्तान के पूर्व गवर्नर मियांगुल औरंगजेब ने एक बहुत प्रसिद्ध बयान दिया था ।
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मियांगुल औरंगजेब ने तालिबानी ड्रेस कोड की निंदा करते हुए कहा था कि तालिबान को अपने इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं है दरअसल जिस ड्रेस कोड को तालिबान लागू कर रहा है वो पठानों का सही ड्रेस कोड नहीं है… ये ड्रेस कोड यानी सलवार कमीज पठान पुरुषों ने हरि सिंह नलवा की तलवार के डर से पहनी थी… ना कि स्वेच्छा से । उस वक्त मियांगुल औरंगजेब के इस बयान से पाकिस्तान के कथित मर्दे मोमनीन की भावनाएं जबरदस्त तरीके से आहत हो गई थीं क्योंकि मियांगुल औरंगजेब ने ऐतिहासिक सच्चाई बयां कर दी थीं ।
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दरअसल मियांगुल औरंगजेब तालिबान को आईना दिखाना चाहते थे लेकिन इस आईना दिखाने के चक्कर में पूरा इस्लामी मुल्क पाकिस्तान ही नंगा हो गया और ये बात सरेआम सार्वजनिक हो गई कि मुसलमान जिसे पठानी सूट कहकर धारण करते हैं दरअसल वो हरि सिंह नलवा की तलवार के डर से पहना गया सलवार कमीज है… जो पहले पंजाबी औरतें पहनती हैं । हरि सिंह नलवा के द्वारा डराए जाने से पहले पठान मुसलमान एक धोती या लुंगी पहनते थे जिसे खास तरह से बांधा जाता था ।
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पश्तून लीडर… मियांगुल औरंगजेब ने पूरा सटीक बयान क्या था… अक्षरश: निम्नलिखित है….
“महाराजा रणजीत सिंह की आर्मी हरि सिंह नलवा की लीडरशिप में 1820 में फ्रंटियर में आई थी … हरि सिंह नलवा की फौज ने बहुत आसानी से हमारे पूर्वजों पर विजय प्राप्त कर ली थी । पूरे लिखित इतिहास में यही एक ऐसा समय है जब हम पर विदेशियों का शासन लागू हो गया और हम गुलाम हो गए । सिखों की सेना से पठान इतने ज्यादा घबराए हुए थे कि बाजार में सिखों को देखते ही सारे के सारे छुप जाया करते थे जिसने भी सिखों का विरोध किया उनको बेरहमी से कुचल दिया गया । उस समय ये बात बहुत प्रचलित हो गई थी कि सिख तीन लोगों के प्राण नहीं लेते हैं… पहला स्त्रियां… दूसरा बच्चे और तीसरा बुजुर्ग । इसके बाद पठान पंजाबी महिलाओं के द्वारा पहना जाने वाला सलवार कमीज पहनने लगे । यानी ये ऐसा समय आ गया जब महिलाएं और पुरुष एक जैसे ही कपड़े पहनने लगे । इसके बाद सिख भी उन पठानों को मारने से परहेज करने लगे जिन्होंने महिलाओं के सलवार धारण कर लिए । दरअसल पठानों का सलवार पहनना एक तरह से सिख आर्मी के सामने पठानों का सरेंडर था । और सरेंडर होने वाले परसिख वैसे भी कभी हमला नहीं करते हैं । ”
- मियां गुल औरंगजेब का बयान अक्षरश: (मियां गुल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह अयूब खान के दामाद और बलूचिस्तान के पूर्व गवर्नर थे)
(नोट- मेरे कई मित्र ऐसे हैं जिन्होंने मेरा नंबर 7011795136 को दिलीप नाम से सेव तो कर लिया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की है… जो मित्र मुझे मिस्ड कॉल भी करेंगे और मेरा नंबर भी सेव करेंगे… यानी ये दोनों काम करेंगे सिर्फ उनको ही मेरे लेख सीधे व्हाट्सएप पर मिल पाएंगे…क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से ही मैसेज भेजता हूं और इसमें मैसेज उन्हीं को मिलेगा जिन्होंने मेरा नंबर सेव किया होगा… एक और बात जिन लोगों को मेरे लेख व्हाट्सएप पर पहले से मिल रहे हैं वो मिस्ड कॉल ना करें… प्रार्थना है)
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मेरे द्वारा तलाशा गया ये मियांगुल औरंगजेब का बयान था… ये बयान पाकिस्तान की कई वेबसाइट्स पर भी प्रकाशित किया गया था । आज भी ये बयान डिफेंस.पीके नामक वेबसाइट पर मौजूद है… (अब मुझसे मत मांगना भाई लोगों… अपने आप सर्च करना मिल जाएगा इंटरनेट पर) पाकिस्तान के लोगों के विरोध के बावजूद भी इस वेबसाइट ने मियां गुल औरंगजेब का ये बयान नहीं हटाया था । क्योंकि ये पाकिस्तानी वेबसाइट ये मानती है कि जब तक पाकिस्तानी मुसमलानों को अपनी कायरता का पता नहीं चलेगा वो झूठी डींगे मारते रहेंगे और भारत से सदैव हारते रहेंगे ।
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इसके अलावा दो किताबों में भी इस घटना के प्रमाण मिलते हैं… पहली किताब… हरि सिंह नलवा… द चैंपियन ऑफ खालसा जी… इस किताब के पेज नंबर 264 पर हरि सिंह नलवा के समय में घटी इस घटना का जिक्र है । इस किताब के पेज नंबर 264 पर ये भी लिखा है कि हरि सिंह नलवा ने पठानों से टैक्स मांगा था । तब पठानों ने सिर्फ ये देखने के लिए कि हरि सिंह नलवा क्या करेंगे ? टैक्स देने से इनकार कर दिया । गुस्से में आंख लाल करके हरि सिंह नलवा ने अपनी तलवार मयान से बाहर निकाल दी… तब पठानों ने घुटनों पर बैठकर माफी मांगी और कहा कि टैक्स देंगे । लेकिन हरि सिंह नलवा ने अपनी तलवार म्यान में नहीं डाली और कहा कि मेरी तलवार म्यान से निकल चुकी है अब बिना अपना काम किए नहीं लौटेगी… मुझे पांच पठानों के सिर चाहिए । तब पठानों ने बहुत मिन्नतें करके पांच बकरियां हरि सिंह नलवा को दी थीं कि इन्हें काटकर अपनी तलवार की खून की प्यास बुझा लें । ये रौला था… हरि सिंह नलवा का । जिन पठानों को दुनिया के बेस्ट फाइटर्स में से एक माना जाता है उन पठानों को भी हरि सिंह नलवा ने छठी का दूध याद दिला दिया ।
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सभी हिंदुओं से निवेदन है कि खुद को हरि सिंह नलवा की तरह ताकतवर बनाएं ।
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।