भारत और पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच रविवार की प्रस्तावित बैठक रद होने के बाद अब हाल फिलहाल शायद ही बातचीत की प्रक्रिया फिर से बहाल हो पाए। एक पखवाड़े बाद ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली बैठक पर संशय के गहरे बादल छा गए हैं। पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज ने रविवार को यह बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक होने की बात जरूर कही, लेकिन इस्लामाबाद के हालिया रुख को देखते हुए निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। अजीज ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि सहमति बनने के बाद सैन्य अभियानों के महानिदेशक किसी भी समय और कहीं पर भी मिल सकते हैं।
एनएसए वार्ता रद होने से अगले वर्ष इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन पर भी सवालिया निशान लग गया है। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था। जानकारों की मानें तो दोनों देशों के बीच तनाव भरे रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिशों पर लंबे समय तक पर्दा गिरता दिख रहा है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उफा में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच उच्चस्तरीय बातचीत का प्रस्ताव भारत की तरफ से भेजा गया था। मोदी सरकार ने एक वर्ष तक हर पहलू पर विचार-विमर्श के बाद पाक के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू करने की मंशा बनाई थी। पर इसे पाकिस्तान का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उसने मोदी की अच्छी शुरूआत का अच्छा संकेत नही दिया। -देवेन्द्रसिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।