अफगान संसद का निर्माण मोदी ने करवाया लेकिन जिहादी-कम्युनिस्ट इतिहासकार लिखेंगे… निर्माण तालिबान ने करवाया और आज से 100 साल बाद हिंदुओं को किताबों में पढ़ाया जाएगा कि अफगान संसद का निर्माण तालिबान के अमीर मुल्ला गनी बरादर ने किया था !
15 अगस्त 2021 का दिन था जब गंदे कपड़े फटे चिथड़े पहने हुए अत्याधुनिक हथियार लिए हुए काबायली… तालिबानी आतंकी… काबुल में घुस जाते हैं और प्रेसीडेंशियल हाउस पर कब्जा कर लेते हैं । अफगानिस्तान की संसद में भी ये तालिबानी आतंकी घुस जाते हैं !
वो वायरल तस्वीर सबको याद होगी … जब तालिबानी आतंकी अफगानी प्रेसीडेंट हाउस के अंदर जमीन पर बैठकर जंगलियों की तरह फल खा रहे थे !
एक और तस्वीर भी बहुत प्रसिद्ध हुई थी जब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला याकूब अफगानी संसद के अंदर एक आलीशीन कुर्सी पर बैठा है और उसके चारों तरफ उसके साथी तालिबान लड़ाके बंदूके लिए खड़े हैं और मुल्ला याकूब के ठीक पीछे एक तस्वीर लगी हुई है !
उस तस्वीर में अहमद शाह अब्दाली नजर आ रहा है जिसके सिर पर दिल्ली की एक मस्जिद के मौलवी शाह वली उल्लाह का हाथ है… यही वो शाह वली उल्लाह था जिसने अब्दाली को भारत पर हमले का निमंत्रण दिया था… इस्लाम का वास्ता देकर भारत बुलाया था और फिर यही अब्दाली यहां भारत आकर लाखों हिंदुओं का नरसंहार करता हुआ… लाखों हिंदू औरतों को किडनैप करता हुआ… और हजारों मंदिर तोड़ता हुआ…अफगान लौट गया था… यही शाह वली उल्लाह गद्दार आज सुन्नी इस्लाम में वली की तरह सम्मानित है…और देवबंद के मदरसों में नायक की तरह माना जाता है !
तालिबान ने धड़ाके से आकर उस अफगानिस्तान की संसद पर कब्जा कर लिया जिसका निर्माण भारत के सेंट्रल पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट ने किया था । इस अफगानी संसद में राजस्थान के संगमरमरी पत्थर लगे हुए हैं । ये अफगानी संसद मोदी के कार्यकाल में बनकर तैयार हुई है और इसका फीता भी मोदी ने ही काटा था । इस अफगानी संसद के एक ब्लॉक का नाम अटल ब्लॉक था । ये अफगानी संसद बेहद खूबसूरत है । लेकिन… अब क्योंकि इस पर कब्जा तालिबान का है तो इस्लामिक इतिहासकार अब आगे इतिहास में यही झूठ चलाएंगे कि इसका निर्माण तालिबान ने करवाया !
इस्लामिक संगठनों और बादशाहों सुल्तानों का हिंदुओं के बनाए हुए निर्माणों पर कब्जा करके अपना बताना… बहुत पुरानी जिहादी नीति रही है । ताजमहल को ये लोग मकबरा कहते हैं लेकिन आज तक जवाब नहीं दे पाए कि वहां नक्कार खाने क्यों है ? क्या मुमताज महल मरने के बाद संगीत सुन रही हैं ? हाहाहा… नहीं ये तो राजपूतों की शान था… महाराज तेज सिंह ने बनवाया था… शाहजहां ने लूटकर अपने नाम कर लिया… और उसे मकबरा बनाकर विकृत कर दिया !
ठीक इसी तरह अगर हम ये सवाल उठाएं कि जब तैमूर ने भारत पर हमला किया तो उसने लाल किले का जिक्र किया है… अपनी किताब मुलफुजुल-ए-तैमूरी में… तो जब लाल किला पहले ही मौजूद था तो ये शाहजहां ने कैसे बनवा दिया क्योंकि शाहजहां तो तैमूर के भी ढाई तीन सौ साल पैदा हुआ था… तो ये सारे सेकुलर और तालिबान के छर्रे (समर्थक) हमें सांप्रदायिक कहेंगे । इसी तरह जब हम इन से ये सवाल पूछेंगे कि जिसे तुम कुतुब मीनार कहते हो उसके पहली मंजिल पर मंदिर की घंटियां क्यों लगी हैं ? और इंदिरा के जमाने में जब कुतुब मीनार का एक हिस्सा ऊपर से गिरा तो उसमें से मूर्तियां क्यों निकलने लगीं ? तो ये फिर हमें सांप्रदायिक कहेंगे… लेकिन असली झूठे और मक्कार तो ये हैं जो हर हिंदू चीज पर कब्जा करके बैठे हैं… लव जिहाद के माध्यम से हिंदू औरतों यानी हिंदू गर्भों पर कब्जा करके जिहाद का विस्तार भी इनकी बलात्कारी और कब्जे वाली मानसिकता का ही एक हिस्सा है !
जैसे आज चीथड़े पहने हुए तालिबानियों ने आकर भारत की बनाई हुई अफगानी संसद पर कब्जा कर लिया ठीक वैसे ही चीथड़े पहने हुए मुगलों और अफगानों ने भी भारत पर हमला किया और हिंदुओं की बनाई हुई हर खूबसूरत चीज पर कब्जा करते चले गए… और हिंदुओं को होश खबर नहीं है… आज भी झूठ ही पढ़ रहा है… झूठ ही सुन रहा है… जागो… हिंदुओं जागो… अपने अधिकारों की मांग करो… उठो… वरना फिर पछताना होगा !
धर्मनिरपेक्ष नहीं धर्मप्रेमी बनिए याद रखें धर्म सुरक्षित रहेगा तभी आप सुरक्षित रहेंगे !
संजय
गौ संवर्धन गौ संरक्षण विभाग नोएडा
जय भारत हिन्दू राष्ट्र