क्यों सताती है इतनी ठंड!
ठंड है तो ठंड लगेगी ही। पर उनका क्या, जो गर्मी के मौसम में भी ठंड से परेशान रहते हैं? थोड़ी सी भी ठंड बर्दाश्त नहीं कर पाते? सामान्य तापमान पर भी हर समय ठंड का एहसास कुछ बातों की ओर संकेत करता है। राहत पाने के लिए क्या करें, बता रही हैं शाश्वती आपकी जान-पहचान में क्या कोई ऐसा व्यक्ति है, जो गर्मी के मौसम में भी एयर कंडीशनर ऑन करने से डरता है? या दो कंबल ओढ़े बिना जिसके पैर गर्म ही नहीं होते? या फिर उसके हाथ-पैर अक्सर बर्फ की तरह ठंडे रहते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो ये सभी लक्षण सामान्य नहीं हैं। कभी-कभार ठंड लगना तो आम बात है, पर चालीस डिग्री के तापमान में भी अक्सर हाथ-पैरों का बर्फ की तरह ठंडा हो जाना सामान्य बात नहीं है। इस बीमारी को मेडिकल की भाषा में ‘कोल्ड इन्टॉलरेंस’ कहते हैं। हमारे शरीर का औसत तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट होता है, जो एक डिग्री फॉरनेहाइट कम या ज्यादा भी हो सकता है। महिलाओं को अमूमन ज्यादा ठंड लगती है, क्योंकि उनकी शारीरिक बनावट ही कुछ इस तरह की होती है। पर अगर आप बहुत ज्यादा ठंड लगने की समस्या से लंबे समय से पीडि़त हैं तो आपको डॉक्टर के पास जाकर अपनी समस्या का मूल कारण जल्द से जल्द तलाशना चाहिए। कुछ ऐसी चीजें हैं, जो इस परेशानी की वजह हो सकती हैं
वजन बहुत कम तो नहीं?
फिट रहना तो ठीक है, पर अगर आपका वजन आपकी लंबाई के अनुपात में काफी कम है तो संभव है कि आपको ठंड भी बहुत लगती हो। अगर आपका औसत वजन कम है यानी आपका बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 18.5 से कम है तो यह आपकी पूरी सेहत के लिए खतरे की घंटी है। आपका वजन कम है, इसका मतलब है कि आपके शरीर में वसा भी कम है, जिससे शरीर गर्म नहीं रह पाता। कम वजन का सीधा संबंध इस बात से भी है कि आप खाना बहुत कम खा रहे हैं और आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पा रहा हैं। शरीर को बेहद कम कैलरी की मदद से अपना सारा जरूरी काम करना पड़ रहा है। इस वजह से मेटाबॉलिज्म बाधित होता है और शरीर पर्याप्त गर्मी उत्पन्न नहीं कर पाता।
उपाय: अगर आपको कम वजन के कारण अक्सर ठंड लगती रहती है तो आपको अपनी पूरी ऊर्जा वजन बढ़ाने पर केंद्रित करनी चाहिए। सबसे पहले अपनी डाइट सुधारिए। कम-कम अंतराल पर संतुलित भोजन लेना शुरू करें। अपनी डाइट में प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट को भरपूर मात्रा में शामिल करें। आपका वजन ठीक हो जाएगा तो ठंड ज्यादा लगने की परेशानी भी दूर हो जाएगी।
थाइरॉएड बिगाड़ तो नहीं रहा लय
बहुत ज्यादा ठंड लगने की समस्या का एक कारण थाइरॉएड ग्लैंड भी हो सकता है। जब थाइरॉएड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में थाइरॉएड हार्मोन का स्राव नहीं करता तो इसका असर सबसे पहले हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। धीमा मेटाबॉलिज्म शरीर की संपूर्ण प्रक्रिया को धीमा कर देता है और शरीर पर्याप्त मात्रा में हीट का निर्माण नहीं कर पाता। थाइरॉएड हार्मोन द्वारा कम मात्रा में हार्मोन के स्राव को मेडिकल की भाषा में हाइपोथाइरॉएडिज्म कहते हैं। भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति इस बीमारी से पीडि़त है। बालों का तेजी से गिरना, रूखी त्वचा और बहुत ज्यादा थकान आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। नई-नई मां या फिर साठ साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इस बीमारी की ज्यादा आशंका होती है।
उपाय: अगर आपको खुद में हाइपोथाइरॉएडिज्म के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। एक ब्लड टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर यह जान लेंगे कि आपको थाइरॉएड की परेशानी है या नहीं और दवाओं की मदद से वे आपकी इस परेशानी को दूर कर देंगे।
आयरन की कमी
शरीर में आयरन की कमी लगातार लगने वाली ठंड की प्रमुख वजह है। अब तक अगर आप इस समस्या को सिर्फ कमजोरी, थकान या त्वचा के पीलेपन से जोड़ रहे थे तो आप गलत हैं। पूरे शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाने के अलावा शरीर के विभिन्न हिस्सों से गर्मी और पोषक तत्वों को लाने-पहुंचाने में आयरन की अहम भूमिका होती है। शरीर में आयरन की कमी का सीधा मतलब यह है कि शरीर अपने ये सभी काम सुचारू रूप से कर पाने में सफल नहीं हो पाएगा। आयरन की इस कमी के कारण आपको कंपकपी भी शुरू हो सकती है। इसके अलावा आयरन की कमी से थाइरॉएड ग्लैंड का स्राव भी प्रभावित होता है, जो ठंड लगने का एक और कारण है।
उपाय: शरीर में आयरन की इस कमी को दूर करने में आयरन सप्लिमेंट मदद तो कर सकते हैं, पर ज्यादा प्रभाव के लिए आपको अपनी डाइट में आयरनयुक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना होगा। अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में मीट, अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियां और सी-फूड शामिल करें।
रक्तसंचार है कमजोर
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आपका पूरा शरीर तो गर्म रहता है, पर आपके हाथ और पैर बर्फ की तरह ठंडे रहते हैं? संभव है कि आपका रक्तसंचार कमजोर हो यानी आपको दिल से जुड़ी कोई परेशानी हो और इस कारण खून आपके हाथ और पैरों तक पहुंच ही न पाता हो। हो सकता है कि आपका दिल कमजोर हो या फिर दिल की धमनियों में कोई ब्लॉकेज हो और दिल खून को ठीक तरीके से पंप ही नहीं कर पा रहा हो। अगर धूम्रपान करते हैं तो इससे भी रक्तसंचार से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। रेनॉड्स बीमारी की वजह से भी ज्यादा ठंड लगती है। इसमें तापमान में जरा-सी गिरावट पर हाथ व पैर की रक्त वाहिनियां कुछ देर के लिए अपने-आप सिकुड़ जाती हैं।
उपाय: हाथ-पैर ठंडे होने की इस परेशानी को यों ही अनदेखा न करें। डॉक्टर से परामर्श लें और उसकी सलाह के अनुसार अपना इलाज करवाएं।
नींद की कमी
नींद की कमी के कारण हमारा पूरा शरीर अपना काम सामान्य तरीके से करना बंद कर देता है। इसका असर हमारे शरीर के औसत तापमान पर भी पड़ता है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों होता है, पर विभिन्न अध्ययनों के मुताबिक नींद की कमी के कारण हमारे मस्तिष्क के उस हिस्से की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। यूरोपियन जर्नल ऑफ अप्लाइड फिजियोलॉजी में छपे एक अध्ययन में इस बात की तसदीक भी की गई है। नींद की कमी और थकान के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और इस कारण शरीर का औसत तापमान कम हो जाता है।
उपाय: अपनी नींद के साथ किसी भी तरह का समझौता न करें। हर रोज सात से आठ घंटे की नींद लें। अगर मौका मिले तो दिन में भी बीस से तीस मिनट की झपकी लें।
डीहाइड्रेशन के शिकार तो नहीं?
शरीर का 60 प्रतिशत हिस्सा पानी होता है। यह पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाता है। अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होगा तो वह शरीर के तापमान को नियंत्रित रखेगा। शरीर बाहरी वातावरण के अनुरूप धीरे-धीरे ठंडा या गर्म होगा। वहीं अगर शरीर के भीतर कम पानी होगा तो बहुत कम या ज्यादा तापमान के प्रति शरीर की संवेदनशीलता बढ़ जाएगी। पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में भी मदद करता है।
उपाय हर दिन कम से कम आठ गिलास पानी पीने का लक्ष्य जरूर रखें। इसके अलावा व्यायाम या फिर कोई भी ऐसा काम, जिसे करने से पसीना ज्यादा निकलता हो, करने के पहले और बाद में पानी जरूर पिएं।
विटामिन बी12 की कमी
विटामिन बी12 की खास बात यह है कि यह जानवरों से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों में पाया जाता है और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने का काम विटामिन बी12 ही करता है।
इस विटामिन की कमी से लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पातीं और परिणामस्वरूप लगातार ठंड लगती रहती है।
उपाय: शरीर में विटामिन बी12 की कमी का मुख्य कारण संतुलित आहार की कमी है। इस परेशानी से राहत पाने के लिए भोजन में मीट, मछली और दूध से बनी चीजों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। कभी-कभी विटामिन बी12 युक्त आहार लेने के बाद भी हमारा शरीर उसे ग्रहण नहीं कर पाता है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें। एक ब्लड टैस्ट के माध्यम में शरीर में इस विटामिन का स्तर जांचा जाता है।
इन्हें अपनाएं, ठंड भगाएं
– अपने आहार में फल, सूखे मेवे और स्प्राउट्स शामिल करें।
– तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें। जंक फूड से दूर रहें।
– गेहूं की घास से बने जूस के नियमित सेवन से भी लाभ होगा।
– कब्ज से दूर रहें। पर्याप्त फाइबर लें।
– तिल, अश्वगंधा और सरसों के तेल से मालिश करें।
– गर्म पानी के स्नान से भी लाभ मिलता है।
– पेट और कमर पर ठंडा-गर्म सेंक करें। एक मिनट के ठंडे सेंक के बाद तीन मिनट तक गर्म सेंक करें।
– नाड़ी शोधन प्राणायाम, कपालभाती, सूर्य नमस्कार, वीरभद्रासन, शलभासन और भुजंगासन आदि से लाभ मिलेगा।
– नाक में बादाम का तेल डालें। आयुर्वेद की भाषा में इसे नस्यम कहते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है।
(डॉ. राजीव सिंह (एमडी, मेडिसिन)