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अन्य स्वास्थ्य

जब पैर में आ जाए मोच

रोजमर्रा के जीवन में चलते-दौड़ते वक्त अक्सर मोच आ जाती है। दर्द होता है और आप मजबूर हो जाते हैं अपना पैर पकड़ कर बैठने के लिए। घुटना और टखना शरीर के दो ऐसे जोड़ हैं, जो चोटिल होते रहते हैं। मोच आने पर कैसे कर सकते हैं देखभाल, आइये जानें…

पैर और पंजे को जोडऩे का काम करता है टखना। टखने के भीतरी लिगामेंट्स बहुत मजबूत होते हैं, जो कम ही परिस्थितियों में चोटिल होते हैं।  बाहरी लिगामेंट्स तीन भाग में बंटे होते हैं- सामने, मध्य और पीछे। आमतौर पर मोच आने पर सामने और बीच वाले लिगामेंट्स ही चोटिल होते हैं। टखने के लिगामेंट्स के घायल होने की घटनाएं तब होती हैं, जब पंजा अंदर की ओर मुड़ जाता है। ऐसा असमान भूमि पर चलने से होता है। शरीर का पूरा वजन इन लिगामेंट्स पर पडऩे से वे चोटिल हो जाते हैं।  सामान्य परिस्थितियों में छह से आठ सप्ताह का समय पूरी तरह मोच ठीक होने मे ंलग जाता है। कई लोगों में लंबे समय तक मोच बनी रहती है।

कैसे करें देखभाल

यदि टखने में मोच आयी है तो राहत पाने के लिए इन तरीकों को अपनाएं…

आराम: तीन दिन तक चोटिल पैर पर वजन न डालें।

बर्फ: दिन में तीन से चार बार 10 से 15 मिनट के लिए आइस पैक या बर्फ से सिंकाई करें। इससे सूजन कम करने में मदद मिलेगी। बर्फ मिले पानी में पैर रखने से भी आराम मिलता है।

दबाव: सपोर्ट बैंडेज या पट्टी लगाना भी सूजन को कम करता है। टखने को सपोर्ट करने और दबाव डालने के लिए खास एंकल गाड्र्स भी आते हैं।

पैरों को ऊंचा रखें:  बैठते और लेटते वक्त पैर के नीचे कुछ रखें, जिससे टखने के हिस्से की ऊंचाई घुटने से अधिक रहे। इससे सूजन में कमी आएगी।

तीन दिन के आराम के बाद टखने को गति देने का काम करें। शुरुआत धीरे चलने से करें। जरूरत हो तो स्टिक का इस्तेमाल करें। अपने दर्द को नजरअंदाज न करें, साथ ही चोटिल पैर पर दबाव डालने से बचें। यदि दर्द बढ़ रहा है और सूजन कम नहीं हो रही तो चिकित्सक से  अवश्य सलाह करें। जरूरत पडऩे पर एक्स रे और एमआरआई भी करवाना पड़ सकता है।

घर में करें ये व्यायाम

– अपना पंजा दरवाजे के पास इस तरह रखें, जिससे एड़ी जमीन पर रहे और पंजा 45 डिग्री के कोण के साथ दरवाजे से थोड़ा ऊंचाई पर रहे। सपोर्ट के लिए दरवाजे को पकड़ लें। अब घुटने को मोड़ते हुए दरवाजे के करीब लाएं। इस खिंचाव को दो मिनट तक बनाए रखें। यदि सुविधाजनक नहीं लग रहा है तो एक बे्रक लेकर दोबारा ऐसा करें। अगर आप लगातार दो मिनट तक स्ट्रेच कर रहे हैं तो ऐसा एक बार ही करें।

– पंजे से दीवार पर इसी तरह दबाव बनाए रखें। अब घुटने को अंदर और बाहर की ओर गोल घुमाएं। ऐसा करते हुए दबाव टखने के पीछे के हिस्से की ओर पडऩा चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो अपनी स्थिति को ठीक करें और इसे दोबारा दोहराएं।

– टखने का लचीलापन और उसको गति देने के बाद अब बैठने का व्यायाम करें। एक चटाई बिछा लें। पैरों को पीछे की ओर मोड़ लें। ध्यान रखें कि पैरों की उंगलियां पीछे की ओर से सीधी रहें, अंदर की ओर मुड़ी न हों। अब कूल्हे के हिस्से को एडिय़ों पर टिका कर बैठ जाएं।

इससे जमीन पर पंजे के सामने के हिस्से पर स्ट्रेच उत्पन्न होगा। स्ट्रेच अधिक बढ़ाने के लिए शरीर के वजन को कूल्हों पर रखें और दो मिनट तक इसी स्थिति में रहें। शुरुआत में इसे कम समय के लिए कर सकते हैं।

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