केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल खाताधारकों को बीमा, पेंशन और लोन सुविधाएं पहुंचाने में करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से तमाम देशों को इलेक्ट्रानिक भुगतान की ओर ले जाने की पहल में भारत के शामिल होने के मौके पर यह बात कही। भारत नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (यूएनसीडीएफ) की पहल में शामिल हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से वित्तीय समावेशन के लिए शुरू की गई जनधन योजना की पहली वर्षगांठ के मौके पर यह घोषणा की गई है। संयुक्त राष्ट्र की दुनिया के देशों को नकदी रहित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाली इस नई पार्टनरशिप में सरकारों के साथ-साथ कंपनियां और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र का यह अभियान भारत सरकार की अर्थव्यवस्था में नकदी कम करने की प्रतिबद्घता को आगे बढ़ता है। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना का लक्ष्य पहले शुरू किए गए वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों के मुकाबले अधिक बड़ा है। इस कार्यक्रम के जरिए देश के लगभग हर परिवार को औपचारिक फाइनेंशियल सिस्टम से जोडऩे में कामयाबी मिली है। इसके जरिए निचले स्तर तक के लोगों को भी वित्तीय लेनदेन करने और गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखने का मौका मिला है।