डॉ. हनुमन्त यादव
यदि निवेशकों ने मुनाफा बिकवाली के लिए बड़ी मात्रा में शेयरों की बिकवाली नहीं कि तो सेंसैक्स के 10 सितंबर से पहले 59 हजार बिंदु और सितंबर माह के पखवाड़े में सेंसैक्स के कोराना काल के बावजूद 60 हजारी बन जाने की पूरी संभावना है। अगस्त माह के पहले सप्ताह तक किसी ने भी सेंसैक्स के अगस्त के अंतिम पखवाड़े से सितंबर के पहले पखवाड़े तक की इस हवाई उड़ान की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी।
जुलाई माह के अंतिम कारोबार दिन 30 जुलाई को सेंसेक्स 52,586 बिंदु और निफ्टी 15,763. बिंदु पर बंद हुए थे। भारतीय शेयर बाजार में पूरे अगस्त माह में तेजी रही तथा लिवाली के कीर्तिमान बनते रहे। 31 अगस्त को सेंसैक्स 57,552.39 बिंदु और निफ्टी 17,132.39 बिंदु के स्तर पर बंद हुए। इस प्रकार जुलाई और अगस्त माह के अंतिम कारेाबारी दिन सेंसैक्स में लगभग 5 हजार और निफ्टी में 2400 का अंतर था। अगस्त महीने में शेयरों में पहले कारोबारी दिन से ही तेजी रही। 13 अगस्त को भारी लिवाली के कारण सेसैक्स ने दौड़कर 55 हजार पार कर के 55,437.29 तक पहुंचने का कीर्तिमान कायम किया। दूसरा कीर्तिमान 24 अगस्त को सेंसैक्स द्वारा 56 हजार बिंदु पार करके 56,023.22 तक उड़ान भरने का बनाया गया। तीसरा कीर्तिमान 31 अगस्त को 57,600 तक पहुंचकर सेंसैक्स ने बाजार बंद के समय 57,552.39 बिंदु तक का कीर्तिमान कायम किया। सेंसैक्स का अनुसरण करते हुए निफ्टी ने भी 13 अगस्त को 16,364 और 31 अगस्त को 17,153 तक उड़ने का कीर्तिमान बनाया।
अगस्त माह में निवेशकों की आईटी., बैंकिंग, ऑटो और बिजली के शेयरों की भारी लिवाली रही। बाजार में तेजी का एक कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में 19 प्रतिशत की तेजी भी रही। कारपोरेट के सभी सेक्टरों में तेजी रहने के कारण बाजार हरे निशान पर बंद हुए। इनमें एफएमसीजी, फायनेंस सर्विस बैंक, रियल्टी, प्रायवेट बैंक, मेंटल, आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा और आटो सभी शामिल थे।
कोरोना वायरस महामारी की दो लहरोंं का सामना कर चुके देश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ पटरी पर लौट रही है। भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर के वाहनों की बिक्री तेज हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून के आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी विकास दर 20.1 प्रतिशत रही है। भारत की जीडीपी दर चीन की जीडीपी विकास दर 7.9 प्रतिशत से बहुत बेहतर मानी जा रही है। यह देखकर विदेशी निवेशकों का उत्साह भारतीय शेयरों में निवेश में बहुत बढ़ा है।
अगस्त माह में सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी हुई है। 31 अगस्त को कुल बाजार पूंजीकरण 200 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। यद्यपि टाटा कंसल्टेसी सरीखी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण दूसरी कंपनियों की तुलना में नीचा रहा है। इसके बावजूद 31 अगस्त को बाजार पूंजीकरण में रिलायंस के बाद दूसरे स्थान पर थी। 31 अगस्त को चुनिंदा बड़े कारपोरेट का बाजार पूंजीकरण इस प्रकार था- रिलायंस इंडस्ट्रीज 13.49 लाख करोड़ रुपए, टीसीएस 12.30 लाख करोड़ रुपए एचएडएफसी बैंक 8.18 लाख करोड़ रुपए, इंफोसिस 6.67 लाख करोड़ रुपए, हिन्दुस्तान यूनीलीवर 5.85 लाख करोड़ रुपए, एचएडएफसी हाउसिंग फायनेंस 4.48 लाख करोड़, आईसीआईसीआई बैंक 4.43 लाख करोड़ रुपए, विप्रो 3.95 लाख करोड़ रुपए, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 3.79 लाख करोड़ रुपए, कोटक महिन्द्रा 3.40 लाख करोड़ रुपए, बजाज फायनेंस 3.62 लाख करोड़ रुपए, भारती एअरटेल 2.88 लाख करोड़ रुपए, एशियन पेंटस 2.88 लाख करोड़ रुपए, और आईटीसी लिमिटेड 2.49 लाख करोड़ रुपए।
1 सितम्बर, 2013 से प्रसिद्ध वित्तीय व साख निर्धारण संस्थान स्टेंडर्ड एंड पुअर्स के निर्देेशन में सेंसेक्स को तैयार किए जाने के कारण आजकल इस बीएसई सूचकांक को एस एण्ड पी बीएसई सेंसेक्स भी कहा जाता है। बीएसई सेंसेक्स में शामिल शेयरों की कम्पनियों को दस वर्गों में बांटा गया है, ये वर्ग हैं- वित्तीय, सूचना प्रौद्योगिकी, बाजार में तेज गति से बिकने वाले उपभोक्ता वस्तुएं, परिवहन साज-सामान, तेल व प्राकृतिक गैस, पूंजीगत वस्तुएं, हेल्थ केयर, धातु, व धातु पदार्थ, टेलीकॉम तथा ऊर्जा। सेंसेक्स भारित सूचकांक है, इसमें वित्तीय शेयरों को 32 प्रतिशत, सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों को 16 प्रतिशत, परिवहन साज-सामान को 11.5 प्रतिशत तथा बाजार में तेज गति से बिकने वाले उपभोक्ता वस्तुओं के शेयरों को 11 प्रतिशत भार दिया गया है। इस प्रकार चार वस्तु समूह को 70.5 प्रतिशत भार दिया गया है। इसलिए इन चार वर्ग के शेयरों से सेंसेक्स की दशा व दिशा प्रभावित होती है।
स्टेंडर्ड एंड पुअर्स द्वारा आजकल दो प्रकार के लगभग चार दर्जन सूचकांक तैयार किए जाते हैं। पहला, सूचकांक वर्ग और दूसरा वस्तुओं के वर्गवार सूचकांक। पहले वर्ग में 31 अगस्त को सूचकांक इस प्रकार थे:- बीएसई 100 इंडेक्स 17,5956 बीएसई 200 इंडेक्स 7486, बी.एसई मिडकैप इंडेक्स 24382, बी.एसई स्मालकैप इंडेक्स 27,305, बीएसई लार्ज मिडकैप इंडेक्स 7470, बीएसई मिड-स्माल कैप इंडेक्स 6903। सूचकांक का दूसरा वर्ग अलग-अलग उद्योगों के वर्ग आधार पर बनाया गया है। उदाहरण के लिए 31 अगस्त को सूचकांक मूल्य इस प्रकार थे- बीएसई बेसिक मटेरियल इंडेक्स 5769, बीएसई इनर्जी इडेक्स 7496, सूचना प्रौद्योगिकी इंडेक्स 34,409, बीएसई मैन्यूफैक्चरिंग इंडेक्स 601, बीएसई इंफ्र ास्ट्रक्चर इंडेक्स 241, बीएसई फायनेस इंडेक्स 7784, बीएसई ऑटों इंडेक्स 22,676, बीएसई पावर इंडेक्स 2998, बीएसई मेटल इंडेक्स 20,617, बीएसई हेल्थ केयर इंडेक्स 26,754, बीएसई प्रायवेट बैंक इंडेक्स 13,358, बीएसई पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग इंडेक्स 7742, बीएसई ऑयल एंड गैस इंडेक्स 17,552, आदि।
30 अगस्त से प्रारंभ हुआ भारतीय शेयर बाजार का 5 दिवसीय कारोबारी सप्ताह 3 सितंबर को समाप्त हुआ। 31 अगस्त को उड़ता हुआ। सेंसैक्स पहली बार 57 हजार का बिंदु पार करके 57,55239 पर बंद हुआ था। किंतु सेंसैक्स की हवाई उड़ान थमी नहीं वह बढ़ती हुई 3 सितंबर को 58 हजार पार करके बाजार बंद होते समय 58,129.95 तक पहुंच गई थी। इस प्रकार एक ही कारोबारी सप्ताह में सेंसैक्स ने दो कीर्तिमान बनाए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी उड़ता हुआ 17,323.60 बिंदु तक बाजार बंद के समय तक पहुंच चुका था। इस प्रकार कारोबारी सप्ताह में अगस्त के अंतिम दिन और सितंबर में बाजार बंद होते समय तक कीर्तिमान बन चुके थे।
3 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार की निराली स्थिति को देखते हुए यह मानकर चला जा सकता है कि 6 सितंबर से प्रारंभ होने वाले कारोबारी सप्ताह में तेजी की स्थिति बनी रहने की संभावना है। यदि निवेशकों ने मुनाफा बिकवाली के लिए बड़ी मात्रा में शेयरों की बिकवाली नहीं कि तो सेंसैक्स के 10 सितंबर से पहले 59 हजार बिंदु और सितंबर माह के पखवाड़े में सेंसैक्स के कोराना काल के बावजूद 60 हजारी बन जाने की पूरी संभावना है। अगस्त माह के पहले सप्ताह तक किसी ने भी सेंसैक्स के अगस्त के अंतिम पखवाड़े से सितंबर के पहले पखवाड़े तक की इस हवाई उड़ान की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी।