नेताओं का व्यक्तिगत जीवन
देवेन्द्रसिंह आर्य
जनता के प्रतिनिधि अपने बचाव के लिए अक्सर यह कहते मिलते हैं कि व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन अलग होता है और सार्वजनिक जीवन अलग होता है। इसलिए व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन में कभी तांक-झांक नही करनी चाहिए। यह तर्क दिखने में तो अच्छा लगता है और ऐसा आभास देता है कि ऐसा ही होना भी चाहिए, कि हम किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन में तांक-झांक न करें।
हमें इस प्रसंग में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन उसके सार्वजनिक जीवन की बुनियाद होता है। इसलिए व्यक्तिगत जीवन का निरीक्षण, परीक्षण और समीक्षण आवश्यक होता है। यदि आपने चोर उचक्कों को, बदमाशों को और चरित्रहीन लोगों को अपना प्रतिनिधि बना लिया तो यह निश्चित है कि एक दिन धोखा खाओगे। पिछले 68 वर्ष से हम इसी कारण राजनीति सेे धोखा खाते आ रहे हैं कि हमने सार्वजनिक जीवन में आने वाले लोगों के व्यक्तिगत जीवन को खंगालना उचित नही समझा।
अब समाचार है कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती अब कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने उनकी तलाश में छापेमारी की कार्रवाई और तेज कर दी है। यह कार्रवाई तब तेज हो गई जब दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामले में सोमवार को उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी और उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। पिछले हफ्ते ही दिल्ली पुलिस ने सोमनाथ भारती के खिलाफ हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा के तहत मामला दर्ज किया था।
यदि सोमनाथ भारती के व्यक्तिगत जीवन की सारी जानकारी जनता को पहले होती तो बहुत संभव था कि भारत की राजधानी दिल्ली के राजनीति को ऐसा कलंक झेलने से बचा लिया जाता। समय अब भी है हमें राजनैतिक नियमावली तैयार करनी चाहिए और व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन में बारे में भी जानकारी लेने का अधिकार जनता को मिलना चाहिए।
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।