जब इजराइल नहीं होगा तब हिंदुस्तान का क्या होगा ?
- हिंदुओं को अपने दैनिक कामकाज से फुर्सत नहीं मिलती है… देश के लिए उनके पास वक्त नहीं होता है… मंदिरों में आजकल घंटा बजाने वाली मशीनें लग गई हैं… क्योंकि हिंदू काफी बिज़ी रहने लगा है… फिर भी अगर फुर्सत मिले तो ये जरूर सोचना कि आज जब इजराइल की रियासत मिडिल ईस्ट में मौजूद है तो इसका भारत पर क्या असर है ? और जब मिडिल ईस्ट में इजराइल की रियासत नहीं रहेगी तो फिर इसका क्या असर होगा ?
-ये सवाल बहुत लंबे अर्से से मेरे मन में रहा है और मैंने इसका जवाब भी तलाशा है लेकिन आज ये सवाल मैं आप सब से पूछ रहा हूं क्योंकि आज समय बहुत प्रासंगिक है… क्योंकि आज अमेरिका अफगानिस्तान से बोरिया-बिस्तर समेटकर चल दिया है… और आपके पड़ोस में पाकिस्तान के अलावा एक और शत्रु देश पैदा हो चुका है जिसका नाम है… तालिबान नियंत्रित इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान…. अब यहां पर एक मध्ययुगीन मानसिकता वाली इस्लामी सरकार बन चुकी है जो काफिरों को अपना परम शत्रु मानती है और भारत ही तालिबान के सबसे नजदीक काफिर मुल्क है ।
-अफगानिस्तान के अफगान जनरलों और सैनिकों की ये परंपरा रही है कि वो लुटेरों की तरह भारत में दाखिल होते थे…. मंदिरों को लूटते थे… मूर्तियों को तोड़ते थे… औरतों को उठाकर ले जाते थे । कहते हैं कि अफगानिस्तान की आबादी का एक हिस्सा… हिंदू महिलाओं के बलात्कार द्वारा पैदा हुआ है । ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब महमूद गजनवी और मुहम्मद गौरी भारत से हजारों लाखों हिंदू महिलाओं को यौन दासी बनाकर अफगानिस्तान ले गए थे तब अफगानिस्तान में बहुत लंबे समय तक हिंदू यौन दासियां दो दो टके से भी कम मूल्य पर बिक रही थीं । इन यौन दासियों में ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य सभी की महिलाएं शामिल थीं ।
-एक अफगान जनरल ने तो कश्मीर में इतना यौन व्याभिचार किया था कि कश्मीरी पंडितों ने अपनी सुंदर बेटियों के सिर को मूंड दिया यानी बाल छिलवा दिए और मुंह पर कालिख पोत दी थी । इस अफगान जनरल का नाम था अता मोहम्मद खान…. इस विधर्मी अत्याचारी के अत्याचारों का वर्णन आगे के आर्टिकल्स में करूंगा (सोर्स… कम्युनिस्ट इतिहासकार अशोक कुमार पाण्डेय की किताब कश्मीरनामा से)
(नोट- मेरे कई मित्र ऐसे हैं जिन्होंने मेरा नंबर 7011795136 को दिलीप नाम से सेव तो कर लिया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की है… जो मित्र मुझे मिस्ड कॉल भी करेंगे और मेरा नंबर भी सेव करेंगे… यानी ये दोनों काम करेंगे सिर्फ उनको ही मेरे लेख सीधे व्हाट्सएप पर मिल पाएंगे…क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से ही मैसेज भेजता हूं और इसमें मैसेज उन्हीं को मिलेगा जिन्होंने मेरा नंबर सेव किया होगा )
- आज देश की कमान मोदी के हाथ में है इसलिए भारत पर तिरछी नजर से देखने की हिम्मत शायद ही किसी में हो । लेकिन वक्त कभी एक जैसा नहीं रहता है हमारे देश में पेट्रोल और तेल की कीमतों पर आंसू बहाने वाले हिंदुओं की कमी नहीं है । दुनिया में सबसे उच्च कोटि के गद्दार भारत में ही पाए जाते हैं । यूं कहें कि भारत में तो गद्दारों की एक पूरी फौज रहती है जो हर वक्त राष्ट्रवादी ताकतों को गरियाना अपना परम कर्तव्य समझती है
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खैर अब बात इजराइल की करते हैं । इजराइल 1947 में स्थापित हुआ और तब से आज तक उसने मिडिल ईस्ट के 50 से ज्यादा देशों को उलझा कर रखा हुआ है । आज मुसलमान अपना सबसे बड़ा दुश्मन इजराइल को मानते हैं । हर मुसलमान के दिमाग में यही रहता है कि किसी तरह इजराइल को खत्म किया जाए । हर जुम्मे को मुसलमान दुआ करते हैं कि यहूद का राज खत्म हो ।
-मुसलमानों ने इजराइल से दो जंगें भी लड़ी हैं लेकिन हर जंग में उनको मुंह की खानी पड़ी है इसीलिए मुसलमानों का मनोबल भी काफी हद तक इजराइल ने तोड़ दिया है । यही वजह हे कि जिहादियों कट्टरपंथियों की सारी ताकत अभी इजराइल पर ही लगी हुई है । कैसे भी इजराइल को खत्म करने के मंसूबे ये लोग बनाते रहते हैं ।
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लेकिन सोचिए जब इजराइल नहीं रहेगा तब क्या होगा ? ऐसी स्थिति में एशिया के अंदर मुसमलानों का नंबर वन दुश्मन हिंदुस्तान होगा । दुनिया के 57 मुस्लिम देश भारत में गजवा ए हिंद के लिए आर्थिक से लेकर शारिरिक मदद तक करेंगे । जिहादियों के पास ना मनी पावर की कमी होगी और ना ही मैन पावर की कमी होगी । क्योंकि इजराइल से मुक्ति पाने के बाद उनके निशाने पर सिर्फ और सिर्फ भारत ही होगा
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ये आज नहीं तो कल होगा जरूर । लेकिन क्या हम इसके लिए तैयार हैं ? क्या हमने अपने बच्चों को इस परिस्थिति के लिए तैयार किया है ? सेना के भरोसे मत रहिए… सेना बॉर्डर पर अपना काम कर रही है लेकिन आप अंदर से कितनी सुरक्षित हैं इस पर भी गौर कीजिए और आप अपने देश की सुरक्षा के प्रति कितने जागरूक हैं । जरा इस बात पर भी गौर कीजिए ।
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