ई-रिक्शा, पैडल रिक्शा, ठेला, जनधन योजना और कौशल विकास के प्रमाणपत्र वितरण के बाद सभा में उन्होंने कहा हम 40 साल से गरीबी हटाओ का भाषण सुनते आए हैं। अब इसकी माला जपने की परंपरा खत्म करनी होगी। प्रत्यक्ष रूप से गरीबी से मुक्ति का अभियान चलाना है। हमें मूलभूत चीजों पर फोकस करना होगा। केंद्र के इस प्रयास में अमेरिकन फाउंडेशन, बैंकों का पूरा सहयोग मिल रहा है।
पीएम ने कहा कि इन मेहनतकश को थोड़ा सा हुनर सिखा दें तो 100 की जगह 250-300 कमाने लगेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी नहीं देना चाहेगा। सम्मान से जीना हर मां-बाप की इच्छा होती है। इसी के तहत केंद्र ने स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाया है। उन्होंने काशी की आर्थिक प्रगति के लिए भोलेनाथ से भी आशीर्वाद मांगा। इससे पहले मैदान में पहुंचते ही पीएम ने पांच गरीबों को ई-रिक्शा, पैडल रिक्शा, ट्राली, ठेला प्रदान किया। उनके परिजनों से भी मिले और बात की। पीएम के साथ मंच पर राज्यपाल राम नाईक, प्रदेश के कारागार मंत्री बलराम यादव, एआईएफ के कंट्री डायरेक्टर निशांत पांडेय, आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक किशोर पिराजी खरात, सिडबी के प्रबंध निदेशक डॉ. क्षत्रपति शिवाजी, भारतीय महिला बैंक की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एसएम स्वाति आदि थी।
पीएम ने रिक्शावालों को पर्यटन का आधार बताया। उन्होंने कहा कि काशी में दुनियाभर से आने वाला पर्यटक सबसे पहले इन्हीं रिक्शावालों से मिलता और बात करता है। रिक्शावाले उनसे अच्छे से बात करते और जानकारी देते हैं तो लोग काशी के लोगों के बारे में छवि बना लेते हैं। पीएम ने कहा कि यहां हम गरीबों को सिर्फ ई-रिक्शा की चाभी नहीं दे रहे हैं बल्कि उन्हें रिक्शा मालिक बना रहे हैं। चयनित लोगों के पास अपना रिक्शा नहीं है, ये किराए पर लेकर चलाते थे। अब एआईएफ के अभियान से किराए पर रिक्शा चलाने वालों के पास अपना रिक्शा होगा और वे आत्मनिर्भर बनेंगे। यही डिजिटल इंडिया की सोच को आगे बढ़ाएगा।
मोदी ने कहा कि जनधन योजना के तहत बैंक गरीबों के घर तक पहुंचे। 18 करोड़ से ज्यादा खाते खोले गए और लोगों ने 30 हजार करोड़ जमा भी किया।