2.मसूड़ों से खून निकलना
कई बार ब्रश के दबाव से भी मसूड़ों से खून निकलने लगता है। मसूड़ों का स्वास्थ्य हमारे दांत की आयु तय करते हैं। मतलब यह कि ब्रश का चयन करते वक्त ध्यान रखें कि वह नर्म हो। बावजूद इसके अगर खून निकलना बंद नहीं होता तो इसकी कई अन्य वजहें हो सकती हैं। इसके लिए बेहतर है चिकित्सक से संपर्क करें।
3.सेंसिटिव दांत
आजकल यह बीमारी भी कुछ आम हो चली है। बढ़ते विज्ञापन इस बात की तस्दीक करते हैं। बहरहाल अगर ज्यादा ठंडा या गर्म खाने से दांत में चीस मचती है तो यह भविष्य में बड़ी परेशानी का सबब बन सकते हैं। ऐसे में आप दांतों को हर रोज दो बार अवश्य ब्रश करें। कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करें। यही नहीं सख्त ब्रश के इस्तेमाल से बचें। सबसे अहम, अपना टूथपेस्ट बदलें। इसके लिए आप सेंसोडाइन जैसे टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
4.तलवों में छाले
अब आप सोच रहे होंगे कि इसका भला दांतों से क्या सम्बंध हैं? वास्तव में इनका बहुत गहरा सम्बंध है। तलवों में लगे छाले से टिश्यू कमजोर हो जाते हैं जिससे मुंह में इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है। इन्फेक्शन हमारे दांतों की सेहत को डांवाडोल कर सकते हैं। सवाल है ऐसे में क्या किया जाए? ऐसे में जरूरी यह है कि तलवों में लगे छालों का उपचार किया जाए। मिर्च खाने से बचें। ठंडा खाएं ताकि आराम मिले। बेहद गर्म चीजें खाने से भी परहेज करें।
5.पायरिया
इसे आप कई बीमारियों का मिश्रण भी कह सकते हैं। मुंह से बदबू आना, मसूड़ों में सूजन और खून निकलने की बीमारी को पायरिया कहते हैं। इस बीमारी के तहत कुछ भी चबाने की स्थिति में मुंह में दर्द होता है। यहां तक कि दांत हिलने की शिकायत भी हो सकती है। कहने का मतलब यह है पायरिया दांतों की एक खतरनाक बीमारी है। सवाल उठता है इसे रोका कैसे जाए? सबसे पहले यह जानें कि यह बीमारी क्यों होती है? इसके पीछे मुख्य रूप से एक ही वजह छिपी है। यह है दांतों की नियमित सफाई न करना। दांतों की सफाई अत्यंत आवश्यक है। अगर जरूरत तो डेंटिस्ट के पास जाकर भी क्लीनिंग करवा सकते हैं। बेहतर यह होगा कि पायरिया के लक्ष्ण दिखते ही दांतों के प्रति सजग हो जाएं और दिन में दो बार अवश्य सफाई करें। खानपान का ख्याल रखें।
6.दांतों का घिसना
यह बड़ी अजीब बीमारी है। इसमें अकसर लोग रात को सोते वक्त गुस्से या तनाव में दांत पीसते हैं। इससे दांत घिसने लगते हैं जो कि भविष्य में बड़ी समस्या का रूप धारण कर सकते हैं। इससे बचाव के लिए आप नाइटगार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
7.जीभ में घाव
जीभ की समस्या तलवों की समस्या से मिलती जुलती है। जीभ में घाव होने के कारण अकसर हम खाना चबाकर नहीं खाते। इससे होता यह है कि दांतों के कोने कोने में खाद्य पदार्थ लगे रह जाते हैं। दर्द के कारण ठीक से कुल्ला भी नहीं कर पाते, जिससे कि मुंह से बदबू की शिकायत हो सकती है। ऐसे में जरूरी यह है कि जीभ की समस्या से निदान खोजें। घाव में मरहम लगाएं। चिपचिपे पदार्थ कम लें और हर संभव स्थिति में कुल्ला करें।