राजनीति में वर्तमान दौर सचमुच गिरावट का दौर है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनीतिक बयानबाजियों को एक गरिमा तक बांधे रखने में असफल रहे हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘मां-बेटे की सरकार’ कहकर सोनिया और राहुल गांधी पर खूब व्यंग्य कसे थे, बाद में ऐसे व्यंग्य कसना और भाषण में कड़वाहट घोलना उनकी स्वयं की और उनके अन्य साथियों की प्रवृत्ति सी बन गयी। दूसरी ओर कांग्रेस के कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बात करें तो उनके व्यंग्य कसने का तौर तरीका तो और भी घटिया स्तर का है। अब वह स्मृति ईरानी से भिड़ रहे हैं, दोनों ओर की बयानबाजियां मनोरंजक हैं।
ऐसी ही एक टिप्पणी केन्द्रीय मंत्री एम. वैंकेया नायडू की ओर से आई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सूट बूट की टिप्पणी के लिए आलोचना करते हुए इसे बचकाना और अपरिपक्व बताया और आरोप लगाया कि खबरों में बने रहने के लिए वह प्रधानमंत्री का नाम लेते हैं। नायडू ने गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल के परदादा जवाहरलाल नेहरू और पिता राजीव गांधी भी सूट बूट पोशाक पहनते थे।
अब नायडू साहब को यह कौन बताये कि जवाहरलाल नेहरू राहुल गांधी के परदादा नही हो सकते, हो सकता है राहुल के परदादा का नाम नायडू साहब न ही जानते हों, और यह भी संभव है कि राहुल के परदादा सूट-बूट भी न पहनते हों। परंतु इन नेताओं का क्या करें, इन्हें कहने से मतलब होता है अपने कहे का अर्थ लगाना भी यह उचित नही मानते। संसदीय मामलों के मंत्री ने पूछा, अब वह सूट-बूट (की सरकार) के बारे में बात कर रहे हैं, अपने परदादा को भूल गए जो सूट बूट पहनते थे, अपने पिता को भूल गए जो सूट बूट पहनते थे। क्या आप अपने दादा और पिता की आलोचना कर रहे हैं, आप उनकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। बिहार में एक चुनावी रैली में सूट बूट की टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता पर हमला करते हुए नायडू ने कहा, कृपया बोलने से पहले सोच लें, आप जो बोलते हैं उसमें परिपक्वता होनी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी वह भी निजी पोशाक पर उल्लेख करते हुए कि प्रधानमंत्री को पेश सूट की नीलामी हुयी और रकम का इस्तेमाल सार्वजनिक उददेश्यों के लिए हुआ, उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कौन उनकी स्क्रिप्ट लिख रहा है कौन उनके भाषण लिख रहा है लेकिन वे उन्हें भ्रमित कर रहे हैं।
चुनावी राज्य बिहार में कांग्रेस प्रचार अभियान की शुरूआत करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए कल सूट बूट की सरकार की टिप्पणी करते हुए लोगों को आगाह किया कि अगर राजग सत्ता में आएगा तो वे अपनी जमीन और आजीविका से हाथ धो बैठेंगे।
अच्छा हो किप्रधानमंत्री मोदी स्वयं ऐसे घटिया और अर्थहीन व्यंग्य बाणों को हटाकर अपने साथियों को गरिमायुक्त व्यवहार करने के लिए प्रेरित करें।
-देवेन्द्रसिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।