जंतर मंतर मामले में अश्विनी उपाध्याय तो जेल से बाहर आ गए लेकिन आजाद विनोद शर्मा व उनके साथी दीपक सिंह अभी भी जेल में हैं. प्रयास जारी हैं लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है..!!
क्या आप जानते हैं कि आजाद विनोद शर्मा कौन है? वह क्या करता है? क्या आप जानते हैं कि जब आप स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तब वह अपने साथियों के साथ जेल की सलाखों के पीछे कैद पड़ा है?
पता है क्यों? अपने लिए नहीं बल्कि आपके लिए, हमारे लिए, हम सबके लिए, इस देश व धर्म के लिए.
लेकिन
हम क्या कर रहे हैं? हम उसकी रिहाई की, उसकी आजादी की मांग तक नहीं उठा पा रहे हैं..!!
2012 से लेकर अभी तक दिल्ली NCR में जब जब विधर्मी ताकतों ने हिंदुत्व पर प्रतिघात करने की कोशिश की है, आजाद विनोद व उसके साथियों ने उसका प्रतिकार किया है तथा विधर्मियों को परास्त भी किया है..!!
दिल्ली एनसीआर में आज कहीं भी कोई हिंदू विरोधी गतिविधि होती है, तो वहां हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए अगर सबसे पहले कोई पहुंचता है तो वह आजाद विनोद ही है..!!
और जान लीजिए कि आजाद विनोद क्या करता है?
अभी तक लव जिहाद में फंसी करीब 500 हिंदू लड़कियों को वापस बचाकर लाया है आजाद विनोद तथा उनकी शादियां भी करवाई हैं. सैकड़ों गरीब हिंदू कन्याओं की शादियां करवाई हैं..!!
अपनी टीम के साथ मिलकर मतवाला हिंदू आजाद विनोद सैकड़ों लोगों की घर वापसी करवा चुका है. इसके अलावा राजस्थान के बीकानेर में एक साथ सैकड़ों हिंदू परिवारों को भी सनातन में वापस लाया था जो ईसाई बन गए थे..!!
एक बात और बताऊँ? कुछ साल पहले आजाद विनोद के पिताजी का निधन हो गया था. पता है उस समय आजाद विनोद क्या कर रहा था? अपने पिताजी के पार्थिव शरीर को छोड़कर गौहत्या के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था..!!
सबने कहा कि आजाद भाई आप चले जाओ. पता है आजाद विनोद का जवाब क्या था? आजाद विनोद ने पितृ शोक के दर्द को छिपाकर दहाड़ते हुए कहा कि मेरे पिताजी तो देवलोकवासी हो चुके हैं. अगर मैं चला भी गया तो भी वह वापस नहीं आएंगे. मैं गौमाता के लिए आंदोलन को जारी रखूंगा. जब आंदोलन खत्म हुआ तब वह घर गया था..!!
हाल ही में एक महीने पहले आजाद विनोद की शादी हुई है. जिस समय वह अपनी पत्नी के साथ होना चाहिए था, उस समय वह देश व धर्म के लिए कथित सेक्यूलर राजनीति का शिकार होकर तिहाड़ जेल में बंद है. हम तो स्वतंत्रता का पर्व मना रहे हैं लेकिन हमारा एक योद्धा सलाखों के पीछे कैद है..!!
अश्विनी उपाध्याय तो बड़े नेता थे, उन्हें जमानत मिल गई लेकिन आजाद विनोद व उसके साथी अंदर ही रह गए. जबकि जो आरोप अश्विनी उपाध्याय पर थे, वही आजाद विनोद पर थे…!!
दुःख इस बात का है कि हिंदुत्व के योद्धा आजाद विनोद व उसके परिवार की मदद तो छोड़िए, उसको जेल से छुड़ाने के लिए अभियान चलाना तो छोड़िए, उसके लिए सोशल मीडिया पर लिख तक नहीं पा रहे हैं. आप भले कुछ कहें लेकिन हिंदुत्व के पतन का प्रतीक है..!!
अगर आजाद विनोद की जगह कोई अब्दुल या आसिफ होता, कोई अर्बन नक्सली होता तो उन्होंने आसमान को सर पर उठा लिया होता. हर छोटा बड़ा कथित लिबरल व उनके पैरोकार उसके लिए न सिर्फ लिख रहा होता बल्कि उसके परिवार की मजबूती से मदद भी कर रहा होता..!!
लेकिन हम हिंदू ऐसा नहीं कर पा रहे. हमें फर्क ही नही पड़ रहा है कि आजाद विनोद जेल में क्यों है? हिंदुओं की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि पहले तो वह खुद धर्म के लिए संघर्ष नहीं करता लेकिन अगर आजाद विनोद शर्मा जैसा कोई मतवाला हिंदू संघर्ष करता भी है तो ये समाज उसे मरने के लिए, तड़पने के लिए अकेला छोड़ देता है..!!
अगर आप हिंदू हो, अगर आप श्रीराम पके वंशज हो, अगर भगवा ध्वज को आसमान में लहराता देख आपके रौंगटे खड़े हो जाते हों, अगर हर हर महादेव व जय श्रीराम का उद्घोष आपको धर्मरक्षा के लिए उद्वेलित कर देता हो तो आजाद विनोद की मदद के लिए आगे आइए..!!
अगर आप कुछ नहीं कर सकते हैं तो कम से कम उसके समर्थन में लिखिए. वह कोई नेता नहीं है बल्कि योद्धा है तथा धर्म के लिए काम करते हुए सेक्यूलर राजनीति का शिकार होकर तिहाड़ जेल में कैद है. उसकी मदद करना तथा उसको जेल से आजाद कराना आपका कर्तव्य भी है, आपका दायित्व भी है..!!
अगर आप धर्मयोद्धा आजाद विनोद के लिए उठ खड़े नहीं होंगे तो ये धर्म आपको कभी माफ नहीं करेगा. श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि धर्मयुद्ध में आप तटस्थ नहीं रह सकते और जो ऐसे समय तटस्थ रहता है, वह धर्म का अपराधी होता है..!!
निवेदक- अभय प्रताप सिंह (9910260221)