क्या केन्द्र का दखल राज्य सरकारों को कमजोर करता है?
केंद्र के साथ अपनी सरकार की खींचतान के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत के संघवाद को मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह विकेंद्रीकरण की मांग की है । दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार राज्यों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रही है और न्यायपालिका को भी कमजोर कर रही है। ‘सहयोगात्मक संघवाद’ पर अपनी सरकार द्वारा आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने राजग सरकार पर धन के आवंटन में राजनीति करने और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राज्यों को डराने-धमकाने के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह केंद्र राज्य संबंधों को कमजोर कर रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की बात अपने संदर्भों में और अपने स्वार्थों के दृष्टिगत उचित हो सकती है। यह भी संभव है कि भाजपा की केन्द्र सरकार उनके कामकाज में कुछ अधिक हस्तक्षेप कर रही हो। पर यह भी ध्यान रखने की बात है कि देश की अखण्डता, एकता और संप्रभुता के दृष्टिगत केन्द्र का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। जब-जब हमने केन्द्र को कमजोर किया है या केन्द्र को कमजोर होते देखा है, तब-तब देश की राजनीतिक स्थिति कमजोर हुई है। मजबूत केन्द्रीय सत्ता के न होने के कारण देश को गुलामी का दंश भी झेलना पड़ा। इसलिए हमारे संविधान निर्माताओं ने बड़ा सोच समझकर केन्द्र को मजबूत रखने का निर्णय लिया था, और संविधान में एक मजबूत केन्द्र की संकल्पना को स्थान देकर आने वाले भारत के विषय में अपनी भावनाओं का प्रकटन किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस तथ्य को भी ध्यान में रखना होगा। हां केन्द्र राज्य सरकारों के साथ पक्षपात न करे इस पर अवश्य कोई नीति निर्धारित की जा सकती है। -देवेन्द्रसिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।