पाकिस्तान इस समय कश्मीर के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है। यहां तक कि उसके अपने लोग भी पाकिस्तानी नीति नियामकों की कश्मीर संबंधी नीति से असहमत हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर भारत के पक्ष में आवाजें उठने लगी हैं। पाकिस्तान के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने भी ट्वीट किया है कि नवाज शरीफ के भाषण को देश में तो पसंद किया गया, लेकिन बाकी विश्व ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। शरीफ के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पलटवार किया और पाकिस्तान से कहा कि वह पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को खाली करे। इसके साथ ही भारत ने इस्लामाबाद को आतंकवाद का प्रमुख प्रायोजक बताया। शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया जाने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक के बाद एक ट्वीट करके कहा, हम पाक अधिकृत कश्मीर को जल्दी खाली किए जाने की अपील करते हैं। ये ट्वीट जल्दी ही ट्विटर पर प्रचारित हो गए।
शरीफ ने जब अपने चार सूत्री प्रस्ताव में कहा कि कश्मीर से सेना हटाए के लिए कदम उठाए जाने चाहिए तो स्वरूप ने ट्वीट किया, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने विदेशी कब्जे की बात सही कही है लेकिन उन्होंने कब्जा करने वाले को सही से नहीं पहचाना है।
ट्विटर प्रयोगकर्ताओं ने जल्दी ही भारत के प्रति समर्थन जताते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताया। यहां तक कि पाकिस्तान के एक पूर्व राजनयिक ने भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में शरीफ द्वारा दिए गए भाषण का पाकिस्तान में तो स्वागत किया गया, लेकन इससे भारत का ही पक्ष मजबूत हुआ है। ऐसी परिस्थितियों में पाकिस्तान को ‘कश्मीर के सच’ को समझना चाहिए और कश्मीर-कश्मीर का शोर मचाने से अब परहेज करना चाहिए।
देवेन्द्रसिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।