मुरादाबाद। ( विशेष संवाददाता) यहां पर महान इतिहासकार और हिंदूवादी चिंतक रहे दिनेश चंद्र त्यागी की श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई । जिसमें देश के कई राष्ट्रवादी राष्ट्रीय नेता उपस्थित थे। जिनमें अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी उपस्थित होकर अपनी अपनी ओर से हिंदूवादी राष्ट्र चिंतक स्वर्गीय श्री दिनेश चंद्र त्यागी त्यागी को अपनी विनम्र और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस अवसर पर कहा कि दिनेश चंद्र त्यागी राष्ट्रवाद की अलख जगाने में सदा क्रियाशील और कर्मशील रहे । वह एक निष्काम योगी की भांति राष्ट्र की आराधना करते रहे । उन्होंने इतिहास को जो गति और दिशा प्रदान की वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि दिनेश चंद्र त्यागी जी के इतिहास संबंधी विचारों को नई पीढ़ी को यथावत स्वरूप में सौंपने की आवश्यकता है।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि श्री त्यागी का सानिध्य उनके लिए बहुत ही लाभकारी होता था। उन्होंने राम जन्मभूमि के मामले को जिस प्रखरता के साथ उठाया था उसके लिए यह राष्ट्र उनका सदा ऋणी रहेगा । क्योंकि उन्होंने इतिहास संबंधी अनेकों छुपे हुए अनेकों तथ्य और रहस्य को देश के लोगों के सामने लाकर आंदोलन के नेताओं को दिया था। जिससे उन्हें इस आंदोलन का प्रणेता कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा।
इस अवसर पर श्री दिनेश चंद्र त्यागी के सहयोगी रहे वरिष्ठ हिंदूवादी नेता और विद्वान सतीश चंद्र मदान ने कहा कि श्री त्यागी आरएसएस हिंदू महासभा और विश्व हिंदू परिषद सहित गौरव घोष संस्थान की गौरव घोष पत्रिका के संपादक के रूप में पूरी निष्ठा और कर्म शीलता के साथ कार्य करते रहे ।उनके अविस्मरणीय योगदान को हम कभी भुला नहीं पाएंगे क्योंकि उन्होंने बहुत ही गंभीर ज्ञान प्रस्तुत कर हम सब का मार्गदर्शन किया।
अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि के माध्यम से वरिष्ठ इतिहासकार और हिंदूवादी चिंतक डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि इतिहास के लेखन में उन्हें स्वर्गीय त्यागी जी का मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहा । श्री आर्य ने कहा कि वह जब भी श्री त्यागी जी से अपने साथियों के साथ मिलते थे तो उन्हें अनुपम ज्ञान प्राप्त होता था। जिसे वह लेखन के माध्यम से लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते रहे। निश्चय ही अब श्री त्यागी जी के इस प्रकार के ज्ञान को हम प्राप्त नहीं कर पाएंगे परंतु उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास अवश्य करेंगे।
इस अवसर पर संजीव कुमार पुंडीर, वरिष्ठ आर्य समाजी नेता ज्ञानेंद्र गांधी, श्रीनिवास आर्य, राकेश यादव, जगपाल सिंह, रविंद्र कुमार आर्य ,जितेंद्र प्रताप सिंह आर्य ,आदि सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे। श्री गांधी ने अपने भावपूर्ण शब्दों में कहा कि त्यागी जी भारतीयता और वैदिक धर्म व संस्कृति के पुरोधा थे। उन्होंने वैदिक संस्कृति के प्रति समर्पित होकर जिस प्रकार कार्य किया वह हम सबके लिए सदा स्मरणीय रहेगा।