आखिर पेगासस जासूसी पर इतना हल्ला गुल्ला क्यों ?

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जासूसी तो पिछली सरकारे भी करवाती थी..
बताया जा रहा है की विश्वकी 42 सरकारों ने यह सॉफ्टवेर खरीदा है।

यूएस में PRISM SPY मिकेनिज्म सालों से अमल में है।

तो भारत का विपक्ष कोविड में लाखों लोग मर गए उसकी चिंता व उपाय करना छोड़ के अचानक पेगासीस का रोना क्यों रोने लगा है??

आइए पूरा खेल समझें :

सरकार डेटा सिक्रेसी बिल लाने वाली है
वोटसेप फेसबुक गूगल , ट्वीटर और उनके द्वारा हमारे डेटा का दुरुपयोग करने वालीं सैकड़ों बड़ी विदेशी कंपनिओ में हड़कंप मचा है। सरकार कोई दवाब में नहीं आती दिखती है ना ही अन्य देश की तर्ज पे समझौते के लिए तैयार है। पुरोगामी सरकार जैसी डरपोक और बिकाऊ भी नही है जो विदेशी ताकतों के आगे घुटने टेक दे।

कश्मीर का पुनःसीमांकन, अहम आर्थिक फैसले, कोमन सिविल कोड जैसे कई मसौदे और बिल एक निर्णायक मोड़ की तरफ आगे बढ़ते दिख रहे है।

राफेल ,किसान आंदोलन, शाहिनबाद नौटंकी वेक्सिन का रोना धोना सब फूस.. हो गया है । सरकार बीना विचलित हुए अपने मार्ग पर आगे बढ़ रही है।

मोदी सरकार अपने ने मध्यान चरण में है।सरकार भली भांति जानती है की अभी लिए गए फैसले और काम 2024 तक अपना परिणाम देंगे।

अर्थतंत्र कोविड के झटको के बाद फिर से चल पड़ा है।

मोदी सरकार अब टॉप गियर में काम करना चाहती है। मंत्रीओ की नई टीम गठित हो गई है जो मोदी विजन के साथ तेजी से काम कर सके।

कोई मंत्री IAS और प्रोफेशन अनुभव वाला है तो कोई भारत की आर्मी को लिड कर चुका है।

देश एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है ।
ऐसे समय में तो सुश्री मायावती और लालू यादव की सरकार हो तो भी उसे सपोर्ट कर के आगे बढ़ने का समय है।

जन सामान्य के हित में कड़े फैसले लेने है, सरकार पूरी तैयारी में है और अपनी निर्णय लेने और उस पे अड़े रहने की मोदी स्टाइल का परिचय सबको हो गया है।

बंगाल में हार कर भी बीजेपी 70 सीटे लेके आई है जिसका मतलब है अब राज्यसभा में भी मोदी का कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता!!
संपूर्ण मेजोरिटी!! लोकसभा और राज्यसभा दोनों में..

अब करें क्या?

क्या किया जाए??
कैसे अड़चन पैदा की जाए?
क्या तरीका है सरकार इस बुलडोजर सरकार के मनोबल को तोड़ने का?

भारत को अंदर बाहर दोनों तरफ से घेरों का फॉर्मूला चलाया जा रहा है।

भारत -चीन सरहद पर इतिहास में पहली बार लाखों जवान आमने सामने है।

कश्मीर में ड्रोन हमले अब टेरर रूटीन का नया हिस्सा है।

भाड़े के वहसी दरिंदो का सप्लायर तालिबान फिर अपने अब्बु पाकिस्तान के इशारों पर मजबूत हो रहा है

भारत के अंदर किसान के नाम पर यूपी और पंजाब इलेक्शन जितने की मंशा रखने वाले महान नेता और नए क्रायक्रम बनाने में लगे है..

तब ठीक मानसून संसद सत्र के साथ साथ मीडिया में नया मुद्दा फेलाया जा रहा है। “पेगासिस जासूसी कांड ” जहा सरकार एक विदेशी एजंसी को चुनिंदा लोगों की लिस्ट देती है और फोन टेप करवाती है का आरोप पत्र तैयार किया जा रहा है।

वही पुराना नाटक..
संसद चलने ही न दिया जाए..
आरोप यह की सरकार जासूसी करती है!

अरे भाई…
आप और हम जैसा सामान्य हिंदुस्तानी..
कहां जाता है, क्या खरीदता है,
आमदनी कितनी है, क्या देखता है,
कब देखता है, लोकेशन , बैंक व्यवहार वगेरह..

सब… डेटा फेसबुक और वोट्सेप फ्री में इकट्ठा करना है (कर रहे है.. कई सालों से)
फिर वही डेटा बेचा जाता है ।
करोड़ों का कारोबार चल रहा है।

यही डेटा को खरीदके PK जैसे एक्सपर्ट और विदेशी एजंसी कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल जैसी पार्टियो के लिए प्रचार अभियान, मीडिया टूल किट तैयार करते है ।

कभी शहीनबाग तो कभी किसान आंदोलन जैसे कुछ ढोंगी लोगो के एजेंडा को पूरे देश पे थोपा जाता है..

सालों से चल रहा है यह सब…

जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता राहुल गांधी का फोन टेप हुआ की नहीं हुआ।

सरकार को जासूसी के लिए एक तरह से अलिखित संमति जनता ने वोट देते समय ही दे डाली है। हमे इसके बारे में कोई संदेह या मलाल नहीं है।

हर तीसरे महीने विदेश जाने वाले और चाइना से फंडिंग लेने वाले युवा नेता जैसों के फ़ोन टेप होने ही चाहिए।

देश को बदनाम करने के लिए विदेशी फंडिंग लेने वालों के फोन ट्रैक होने ही चाहिए।

मेरी प्राथमिकता सड़क निर्माण ,आर्थिक उन्नति और देश की आतंकियों से सुरक्षा की है।

आपकी जासूसी हो रही है तो कोर्ट में जाओ या डेटा प्राइवेसी बिल के लिए सरकार की मदद करो।

संसद में नाटक का स्टाइल अब पुराना हुआ और हमारा भविष्य संसद के निर्णयों के ऊपर टिका है।

अगर आप हमारे भविष्य की निर्णय प्रकिया में इस तरह बंदरबाजी करके अपना सहयोग देना जारी रखेंगे तो अब जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।

गूगल एफबी और ट्विटर से पैसा लेके आपकी बासी आइटम का और आपका आइटम डांस हमे संसद में नहीं देखना।

अपने घर पे विरोध करे या दीवाल से सर फोड़ ले हमे कोई आपत्ति नहीं है।

हां.. संसद कामकाज की एक एक मिनिट मूल्यवान ही है उसे रुकोगे तो जैसे जनता ने अपने दिल से उखाड़ ही फेंका है वैसे संसद से भी धक्के मार के निकाले जाओगे।

फिर लोकशाही की दुहाई मत देना।

लोकशाही का मतलब यह कतई नहीं ही की हम आपकी बकवास और बेहूदा हरकते संसद में देखते रहे।

याद है न राफेल का हल्ला गुल्ला और रोना धोना? चौकीदार चोर है वगेरह ..

चौकीदार राफेल भी लाया और बॉर्डर पे तैनात भी कर दिए।

EBC बिल भी पास और CAA भी ,

राममंदिर भी बनेगा और

आर्टिकल 365 का ब्लेकमेल भी खतम हुआ।

कुछ समय में मेट्रो ट्रेन भी आ जायेगी।

हर गांव में बिजली का कार्यक्रम पूरे जोश में है।
बम धमाके कम हो गए है।

रोड और सड़कें तेजी से बन रही है।

आयुष्मान भारत ,मुंद्रा योजना और ऑनलाइन इकोनॉमी अब भारत में हकीकत बन चुकी है।

सीधी बात है मोदी सरकार राज्यसभा में जब मेजोरिटी नहीं थी तब भी अपना काम मैनेज करवा लेती थी तो अब कैसे रोक पाओगे अब पूर्ण बहुमत में है?!!

अब नही चलेगा। मुंह की खाओगे और संसद तो चल के रहेगा हर कीमत पर हर हाल में ।
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