पर्यावरण संतुलन को बिगाड़कर मनुष्य ने दुनिया के अस्तित्व को दी है चुनौती : हरिशंकर सिंह

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नोएडा। (विशेष संवाददाता ) पर्यावरण संरक्षण मानव का सबसे उत्तम और सबसे अनिवार्य कर्म है। पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ कर मनुष्य ने इस दुनिया के अस्तित्व को चुनौती दी है । यदि समय रहते हमने पर्यावरण संतुलन को शुद्ध करने की ओर कदम नहीं उठाए तो निश्चित रूप से इसके घातक परिणाम होंगे। यह कहना है बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन हरिशंकर सिंह एडवोकेट का । श्री हरिशंकर सिंह यहां गौतम बुध नगर न्यायालय परिसर में पौधारोपण करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे ।


इससे पूर्व श्री सिंह का यहां के अधिवक्ताओं के द्वारा शानदार स्वागत किया गया । उनकी कर्मशीलता, कर्मठता और अधिवक्ताओं के प्रति समर्पण और संघर्षशील भाव की लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता श्री देवेंद्र सिंह आर्य ने अपने अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि श्री सिंह अधिवक्ताओं के लिए संघर्ष करने में कभी पीछे नहीं रहते। उनका संघर्षशील व्यक्तित्व ही उनको विशेषता प्रदान करता है।
श्री हरिशंकर सिंह ने कहा कि पौधारोपण के माध्यम से हम पर्यावरण का संरक्षण करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। हमें पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधों को अपना मित्र मानना चाहिए और उनके साथ मित्रवत ही व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने अधिवक्ताओं के विषय में कहा कि अधिवक्ता समाज की रीढ़ है। जिसके अधिकारों के लिए वह संघर्ष करते रहेंगे। क्योंकि एक अधिवक्ता ही समाज को सही दिशा देता है और लोगों को न्याय प्रदान करने का एक उचित माध्यम है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के संरक्षण सुरक्षा और अन्य आवश्यकताओं के बारे में वह सरकार निरंतर जागरूक और सचेत करते रहेंगे।
इस अवसर पर विजयसिंह , चौधरी राजकुमार नागर, उदयभान मलिक, जितेंदेर कसाना , महेश गुर्जर, सुरेश बेसोया, मनोज नागर ,अमृत आर्य, सचिन कौशिक आदि सहित अनेकों अधिवक्ता उपस्थित रहें।

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