पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ किस प्रकार के अत्याचार हो रहे हैं ? रोजाना यह समाचार सुर्खियों में आता रहता है. शांति के धर्म वाले लोग कभी भारत में अपने आपको सुरक्षित मानते हैं तो कभी दुनिया में इस्लाम को खतरे में दिखाते हैं, जबकि सच यह है कि शांति का मजहब ही दूसरे लोगों को परेशानियां पैदा कर रहा है ।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत की एक हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाली महिला रीना मेघवार को अदालत के आदेश के बाद उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है. रीना मेघवार ने बताया कि उन्होंने रक्षाबंधन के मौके पर कासिम काशखेली को राखी बांधी थी. कासिम रीना के पड़ोस में ही रहता था और राखी बांधकर उन्होंने उसे अपना भाई माना था. लेकिन इस ‘भाई’ ने कुछ ऐसा किया, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. कासिम ने रीना को अगवा किया और उसका धर्मांतरण कर उससे शादी कर ली.
रीना ने दुनिया से मदद के लिए गुहार लगाई और देखते ही देखते उनका वीडियो वायरल हो गया. लेकिन इसके बाद पाकिस्तान में दबाव बढ़ने लगा, यही वजह रही कि पाकिस्तानी अदालत ने रीना मेघवार को उसके माता-पिता के हवाले करने का आदेश दिया. इस बात के भी आरोप हैं कि महिला को प्रताड़ित किया गया और कासिम काशखेली ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर उससे शादी की और दिखाया कि वह मुस्लिम है. रीना मेघवार को 13 फरवरी को कासिम काशखेली ने दक्षिणी सिंध प्रांत के बदीन जिले के केरिओगजर इलाके से अगवा कर लिया था.
वीडियो में रीना मेघवार ने क्या कहा?
दरअसल, कुछ दिनों पहले रीना मेघवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कृपया मुझे मेरे माता-पिता के पास भेजा जाए. मुझे जबरदस्ती रखा गया है. मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और कहा गया कि मेरे माता-पिता और भाइयों को मार डाला जाएगा. हालांकि, इस वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर धमकी देने वाले किसी भी शख्स का नाम लेने से इनकार कर दिया. वीडियो सामने आने के बाद सिंध सरकार ने पुलिस जांच के आदेश दिए, जिसके बाद बादिन एसएसपी शब्बीर अहमद सेठर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और काशकेली के घर से लड़की को छुड़ाया गया.
आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत
रीना मेघवार को सोमवार को बादिन की एक स्थानीय अदालत में लाया गया, जहां उसने एक बयान में कहा कि उसका धर्मांतरण कराया गया था और आरोपी ने मुस्लिम महिला के रूप में उससे जबरन शादी करने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार किए थे. अदालत ने पीड़ित महिला का बयान दर्ज करने के बाद पुलिस को आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया. अधिकारियों की मौजूदगी में मेघवार को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया. उसने न्यायाधीश को ये भी बताया कि आरोपी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके भाई की जान को खतरा था.