🙏बुरा मानो या भला 🙏
—मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
आधुनिक मुस्लिम लीग के जन्मदाता और “आज के जिन्ना” माने जाने वाले जनाब असदुद्दीन ओवैसी साहब का कहना है कि – “मुस्लिम विरोधी नफरत का आदि है संघ, आधुनिक भारत में हिंदुत्व की कोई जगह नहीं है”.
असदुद्दीन ओवैसी साहब ये बताएं कि जब शरिया कानून की बात आती है तब आपको बाबा आदम के ज़माने की बातें याद आती हैं। जब तीन तलाक़ की बात है तो आपको सैंकड़ों साल पुराने कानून याद आने लगते हैं। जब जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाता है तब आपको परिवार नियोजन के आधुनिक तरीके समझ नहीं आते, तो आपके लिए बच्चे अल्लाह की देन हो जाते हैं। वहां आप वही घिसेपिटे जुमलों को दोहराने लगते हो। जब श्रीरामजन्मभूमि की बात आती है तब आपको मध्यकाल के आक्रांता, लुटेरे, और अय्याश बाबर की याद आने लगती है।
जरा आप बताएंगे कि आधुनिक भारत में सैंकड़ों-हजारों साल पुराने शरिया कानूनों का क्या काम? क्या इस्लाम आधुनिक भारत की देन है? क्या इस्लाम की विचारधारा आधुनिक भारत की विचारधारा से मेल खाती है?
ओवैसी साहब, आप बताइए कि क्या 72 हूरों का जलवा और गजवा-ए-हिन्द की सोच आधुनिक भारत में कोई स्थान रखती है?
आप कल भी मुसलमान थे, आप आज भी मुसलमान हैं और आप भविष्य में भी इस्लाम और इस्लामिक कानूनों को ही तरज़ीह देंगे। क्या यह सम्भव है कि कुछ सालों के बाद आप शरिया कानूनों या गजवा-ए-हिन्द के कांसेप्ट में कोई बदलाव इसलिए करेंगे कि अब आप आधुनिक भारत में रहने लगे हैं।
जब तक हिन्दू धर्म है तो हिंदुत्व है। हिंदुत्व सनातन है अर्थात कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा।
हिंदुत्व किसी व्यक्ति विशेष का लिखा हुआ कानून नहीं है, और न ही आसमान से उतरी कोई पवित्र पुस्तक।
हिंदुत्व एक शैली है, जो मनुष्य को मनुष्यता सिखाती है, जीवन जीने की कला बताती है। हिंदुत्व एक ऐसी विचारधारा है जो “जियो और जीने दो” के सिद्धांत पर जीना सिखाती है। हिंदुत्व ही तो “वसुधैव कुटुंबकम” का मुख्य स्रोत है।
मिस्टर ओवैसी “हिंदुत्व” को समझना आपके बस की बात नहीं, उसको समझने के लिए जिस सत्यनिष्ठा, पवित्रता और पावन विचारों की आवश्यकता होती है, वह न आपके पास न थे, न हैं औऱ न कभी होंगे।
जिन्होंने तलवार के डर और सिक्कों की खनखनाहट सुनकर अपना धर्म बदल लिया हो, उन्हें “हिंदुत्व” समझना भी नहीं चाहिए।
🖋️ मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
समाचार सम्पादक- उगता भारत हिंदी समाचार-
(नोएडा से प्रकाशित एक राष्ट्रवादी समाचार-पत्र)