लहरें’ दिल और सागर से उठकर पूरे वातावरण में फैली
शमीम शर्मा
लहरों का स्वभाव है कि वे झील, तालाब, नदियाें और सागर से लेकर मनुष्य के दिलों में समान रूप से उठती हैं। ये लहरें बार-बार साहिल से टकराती हैं और असंख्य तूफान उठाती हैं। लहरों की एक विशेषता यह होती है कि ये किश्ती को भी पार लगा सकती हैं और भंवर में फंसा कर डुबा भी सकती हैं। इन मचलती-इठलाती लहरों की ओर शायरों व कवियों का ध्यान खूब गया है। भवसागर और उसकी लहरों की उठापटक का उल्लेख हर युग के साहित्य में मिलता है।
‘दिल में इक लहर सी उठी है’ गाकर गुलाम अली अमर हो गये। ऊंची-नीची लहरों के कन्धों पर चढ़कर कितने ही लोग अपनी नैया पार कर लेते हैं और कई डुबा भी लेते हैं। ऐसे भी मांझी हैं जो लहरों के थपेड़ों से तो बच जाते हैं पर किनारे पर आकर दम तोड़ जाते हैं। मंझदार में जाकर बेबस होने की बात जंचती है पर ऐन किनारे पर साहस छोड़ना पड़े तो मुझे लगता है कि भाग्य का खेल होता होगा।
लहरों ने अब दायरा बदल लिया है। दिल और सागर से उठकर वे पूरे वातावरण में फैल रही हैं। कोरोना की पहली, दूसरी और अब तीसरी लहर। अभी तो दो लहरों के भयावह पदचिन्हों को ही नहीं मिटा पाये थे कि तीसरी आ रही है। तीसरी लहर का जिक्र करते समय भाग्य और बेबसी जैसे शब्द अब जन-जन की जुबान पर हैं।
सब जानते हैं कि कोरोना की जहरीली लहरों ने खूब मनमानी की है। बड़े-बड़े मांझी इसकी लहरों के सामने घुटने टेक चुके हैं और प्राणों की बाजी लगा चुके हैं। इसकी तेज लहरों ने तो कइयों को संभलने तक का मौका नहीं दिया। पर अब तो कोरोना की इन बेरहम लहरों के साथ चलने का अभ्यास करना होगा। और कोई रास्ता ही नहीं है। संभावनायें और अनुमान बता रहे हैं कि तीसरी लहर किसी झंझावात से कम न होगी और पता नहीं कितनी ही किश्तियों को डुबो के दम लेगी। पर लोग भी कमाल हैं। समय की आहट को सुनते ही नहीं हैं। पिकनिक, पहाड़, झरने, कांवड़, शाॅपिंग, प्रणय-मिलन, फुटबाल-क्रिकेट की मस्तियां उन्हें बहरा बनाये हुए हैं और वे एक सुर में गाते फिर रहे हैं-आ बैल मुझे मार।
एक बर की बात है अक रामप्यारी अपणी सहेली गैल बतलाण लाग री थी। वा अपणी छाती चौड़ी करते होये बोल्ली—कोरोना की पहली लहर मैं तो नत्थू झाड़ू-पोंछा, बर्तन मांजणा अर कपड़े धोने सीख ग्या था। दूसरी लहर मैं उसनैं रोटी-साग बनाणा आग्या था। अर ईब तीसरी लहर मैं यो अचार-पापड़-मंगोड़ी बनाणी भी सीख ज्यैगा तो इसका कोर्स पूरा हो लेगा।
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