जनसंख्या नियंत्रण कानून आमजन के साथ है एक छलावा , लाया जा रहा है केवल नौकरीपेशा वर्ग के लिए : जन उद्घोष सेवा संस्थान
लखनऊ। जनसंख्या नियंत्रण कानून के संम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य विध आयोग द्वारा ड्राफ्ट किये गए बिल को लेकर जन उद्घोष सेवा संस्थान द्वारा कोर कमेटी की ऑनलाइन बैठक की गई। संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष कुलदीप तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में संस्थान के सभी पदाधिकारियों ने पापुलेशन कंट्रोल बिल 2021 के इस प्रारूप को नाकाफी बताते हुए असंतोष जताया। अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने कहा कि अगर ऐसा जनसंख्या नियंत्रण कानून उत्तर प्रदेश या किसी भी राज्य में लागू किया जाएगा तो यह एक कमजोर और राजनीति से प्रेरित कानून बनकर ही रह जाएगा। जब तक आप दो बच्चों से अधिक होने पर माता पिता और तीसरे या आगे के बच्चों का वोटिंग का अधिकार समाप्त नहीं करते हैं, चाइल्ड टैक्स पालिसी नहीं लाते हैं और साथ ही सभी संवैधानिक पदों पर चुनाव लड़ने का अधिकार समाप्त नहीं करते हैं तब तक इस कानून के कोई मायने नहीं हैं। इस ड्राफ्ट में सिर्फ स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर पाबंदी की बात कही गयी है, सांसदी, विधायकी और तमाम अन्य बड़े पदों पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है? जनसँख्या नियंत्रण कानून का यह प्रारूप सिर्फ हिंदुओं पर प्रभावी होता दिख रहा है । लेकिन जहाँ पर जनसँख्या विस्फोट की समस्या सबसे ज्यादा है उन पर यह प्रभावी नहीं होगा। राजनीतिक पार्टियाँ अपने वोट बैंक के लिए एक वर्ग का तुष्टिकरण करती हैं और इसी कारण वहाँ बच्चे पैदा करने की होड़ है। उनको आपकी सब्सिडी और नौकरी नहीं चाहिए बस वोट बैंक बनाना है और जब तक दो बच्चों से ऊपर होने पर वोटिंग का अधिकार समाप्त नहीं करेंगे जो कि सभी सम्प्रदाय व धर्म के लोगों पर समान रूप से लागू हो, तब तक कानून निष्प्रभावी रहेगा बल्कि यह हिंदुओं के गले की फांस बन जायेगा। बिल में सरकार ने करदाताओं के पैसे को लुटाने का प्रबंध भी कर लिया है ,जबकि कानून का पालन ना करने वाले व्यक्तियों पर अतिरिक्त कर या आर्थिक दंड लगाया जाना चाहिए क्योंकि सरकार पहले ही चिकित्सा और शिक्षा पर काफी धन खर्च कर रही है। कुलदीप तिवारी ने आगे कहा कि इस बिल के प्रारूप को देखकर लगता है कि यह जनसंख्या नियंत्रण कानून सिर्फ नौकरीपेशा वर्ग के लिए ही लाया जा रहा है और यह महज राजनीतिक उद्द्येश्यों की पूर्ति के लिए बनाया जा रहा है, आम जन को धोखे में रख कर छलावा किया जा रहा है। मौजूदा बिल यदि कानून का रूप लेता है तो यह उचित नहीं होगा और हिंदुओं की जनसंख्या इससे और अधिक घटेगी साथ ही जिन बातों को लेकर कानून बनाने की आवश्यकता है उन उद्द्येश्यों की प्राप्ति नहीं होगी और प्राकृतिक संसाधनों का अतिदोहन और तेजी से होता रहेगा।
जन उद्घोष सेवा संस्थान पिछले अनेक वर्षों से भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग और समाज को जागरूक करने का कार्य कर रहा है। जन उद्घोष सेवा संस्थान की माँग है कि यह कानून केंद्र सरकार द्वारा लाया जाना चाहिए।
ऑनलाइन बैठक में संगठन के महासचिव दीपक प्रकाश शुक्ल, उपाध्यक्ष प्रभाकर शर्मा, उपाध्यक्ष राकेश मोहन मिश्र, संगठन सचिव प्रवीण कंचन, मध्य प्रदेश से कैलाश भार्गव, त्रिनाथ शर्मा तथा प्रदेश कमेटी व जिला कमेटियों से अनेकों पदाधिकारियों की उपस्थिति रही और सभी ने एक स्वर में अध्यक्ष कुलदीप तिवारी का समर्थन करते हुए इस बिल के प्रावधानों को बदलने तथा कठोर एवं प्रभावी कानून बनाने की बात कही। सभी ने कहा कि कानून को लेकर खानापूर्ती करने से बचा जाए।