एक व्यक्ति का एक पालतू कुत्ता था। वह व्यक्ति अपने पालतू कुत्ते से बहुत प्यार करता था। एक दिन वह पालतू कुत्ता मृत्यु को प्राप्त होता है । मालिक उसे श्रद्धा पूर्वक सड़क के नीचे किनारे दफना देता है।
कुत्ते की कब्र पर एक मौलवी की नजर पड़ती है। मौलवी के दिमाग में पैसे कमाने, जमीन कब्जा करने और हिंदुओं का धर्मांतरण कराने जैसी विकृत मानसिकता उत्पन्न होती है। आनन-फानन में मौलवी कुत्ते की कब्र को साफ सुथरा कर उसे पक्का कर देता है और मजार का रूप दे देता है।
मौलवी अपना जिहादी मानसिकता को अंजाम देता है। प्रचारित करता है कि यह मजार बहुत पहुंचे हुए फकीर की है, जिनकी मिन्नते अल्लाह पूरी करते
थे ,इस मजार पर जो माथा टेकेगा और मुस्लिम विधि से पूजा करेगा उसकी मन्नते पूरी होंगी ,मनचाही इच्छाएं पूरी होंगी ।
धीरे-धीरे यह कुत्ते की मजार विख्यात हो गई । यहां प्रतिदिन दर्जनों नहीं सैकड़ों लोग आते हैं, माथा टेकते हैं , मौलवी से आशीर्वाद लेते हैं, इस कुत्ते की मजार पर हर साल ऊर्स लगता है , ऊर्स के दौरान हजारों लोगों की भीड़ होती है ।
मजारों पर जाने वाले, माथा टेकने वाले, सबसे ज्यादा हिंदू होते हैं , खासकर हिंदू महिलाएं ज्यादा दिलचस्पी दिखाती हैं। अधिकतर मजारों पर हिंदू महिलाओं के साथ क्या होता है, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।
मजारे सबसे अधिक हिंदुओं के पैसे पर फलती फूलती हैं। पर मजारों के माध्यम से हिंदुओं का ही धर्मांतरण किया जाता है । हिंदुओं को लव जिहाद का शिकार बनाया जाता है।
हिंदू इतने मूर्ख होते हैं कि वे पता ही नहीं करते कि जिस फकीर की मजार है, वह सही में फकीर था या नहीं । वह सही में ज्ञानी था कि नहीं। कहीं वह जिहादी, बलात्कारी और अपराधी तो नहीं था।
हिंदुओं को कौन समझाए, हिंदू तो आत्मघाती होते हैं, हिंदुओं के पैसे पर ही मुसलमान हिंदुओं का धर्म परिवर्तन और लव जिहाद का शिकार बना रहे हैं। फिर भी हिंदू जागने के लिए तैयार नहीं हैं।
……. जाति तोड़ो
हिंदू जोड़ो
आचार्य श्री विष्णुगुप्त
Mobile .. 9315206123
Date .. 04/07/2021
New Delhi
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।