दिग्विजय सिंह का बयान कांग्रेस मुक्त भारत की ओर संकेत करता है
🙏बुरा मानो या भला🙏
————मनोज चतुर्वेदी
कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह अपने राष्ट्रघाती और पाकिस्तान प्रेम को लेकर एक बार पुनः चर्चाओं में हैं। दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्गी ने क्लब हाउस चैट में जिसमें पाकिस्तानी पत्रकार भी मौजूद थे, अनुच्छेद-370 पर पुनर्विचार की बात कही थी। चैट के आडियो में दिग्विजय कहते हैं, “यहां (जम्मू-कश्मीर) से जब अनुच्छेद-370 हटाया गया, तब लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन नहीं किया गया। इस दौरान न ही इंसानियत का तकाजा रखा गया और न ही इसमें कश्मीरियत का ख्याल रखा गया। सभी को सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो हम इस फैसले पर फिर से विचार करेंगे और अनुच्छेद-370 बहाल करेंगे।”
यह पहला मौका नहीं है जब किसी कांग्रेसी नेता ने इस प्रकार का राष्ट्रघाती और पाकिस्तान परस्त बयान दिया हो, इससे पहले मणिशंकर अय्यर सहित अनेक कांग्रेसी नेता इस प्रकार के बयान दे चुके हैं, जिन्हें सीधे-सीधे राष्ट्रविरोध की श्रेणी में रखा जा सकता है। यहाँ यह बताना बेहद जरूरी है कि दिग्विजय सिंह न केवल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं बल्कि वह माननीय राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु भी कहे जाते हैं।
सत्य तो यह है कि समय-समय पर दिग्विजय सिंह अपने शब्दों में कांग्रेस की मानसिकता को व्यक्त करते रहते हैं। हिंदी, हिन्दू और हिंदुस्तान का विरोध कांग्रेस का जन्मसिद्ध अधिकार है। नेहरू से लेकर राहुल तक लगभग सभी कांग्रेसी नेताओं ने हमेशा सत्ताधर्म को राष्ट्रधर्म से अधिक महत्ता दी है।
कांग्रेसियों के ऐसे बयानों पर आसमान में बैठी बाबर, औरंगजेब और मोहम्मद अली जिन्ना की आत्माएं भले ही ईद मनाती हों लेकिन इस देश के लिए कुर्बान होने वाले हजारों-लाखों अमर शहीद जवानों, स्वतंत्रता सेनानियों और दिवंगत कश्मीरी पंडितों की आत्माएं कलपती होंगी। भारत माता की छाती में शूल चुभते होंगे।
आज दिग्विजय सिंह कश्मीरियत और इंसानियत की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या वह दिन भूल गए जब हजारों कश्मीरी पंडितों को बेदर्दी से क़त्ल कर दिया गया, परिवार के परिवार बर्बाद हो गए। हजारों-लाखों कश्मीरी पंडितों को घर से बेघर कर दिया गया, जो आज अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं। क्या इंसानियत का तकाज़ा यह नहीं था कि कांग्रेस उनके जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करती। लेकिन इसके उलट अपने आपको दत्तात्रेय गोत्र का ब्राह्मण बताने वाले राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तो हमेशा कश्मीरी पंडितों के जख्मों पर नमक ही छिड़का है।
धारा 370 कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का सबसे घातक हथियार था, जिसने न जाने कितने मासूम और निर्दोष लोगों की जान ली है, आज जब मोदी सरकार द्वारा कांग्रेस से वही हथियार छीन लिया गया तब वह बिलबिलाते हुए मोदी विरोध से राष्ट्रविरोध पर उतर आई है।
इसका एक दूसरा पहलू यह भी है कि जिस प्रकार कांग्रेस की राष्ट्रविरोधी नीतियों और गांधी परिवार की तानाशाही से परेशान कांग्रेस के सभी जिम्मेदार और कद्दावर युवानेता एक-एक करके मुक्त हो रहे हैं, उससे कांग्रेस मुक्त भारत की परिकल्पना सच होती दिखाई दे रही है। जिससे कांग्रेस के आलाकमान की बौखलाहट बढ़ने लगी है, औऱ दिग्विजय सिंह का हालिया बयान शायद उसी का प्रतिफल है।
फिलहाल कारण कुछ भी हो परन्तु एक बात तो तय है कि धीरे-धीरे कांग्रेस का असली चेहरा जनता के सामने आने लगा है और अब वह दिन दूर नहीं है जब भारत इटैलियन गोरों से पूर्णतया स्वतंत्र हो जाएगा।
वंदेमातरम
🖋️ मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”
समाचार सम्पादक- उगता भारत हिंदी समाचार-
(नोएडा से प्रकाशित एक राष्ट्रवादी समाचार-पत्र)
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