योगी के जन्मदिन पर हिंदुओं की पीड़ा : योगी आदित्यनाथ बब्बर शेर नहीं गीदड़ है, हिंदुओं के लिए योगी भी मायावती अखिलेश साबित हुए

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आचार्य श्री विष्णुगुप्त


योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है, योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर चमचे ,बेलचे, दलाल और फर्जी हिंदू उन्हें बब्बर शेर, हिंदुओं का मसीहा, एक आइडियल मुख्यमंत्री के तौर पर प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार में हिंदुओं की जितनी प्रताड़ना हुई उतनी प्रताड़ना अखिलेश और मायावती के राज में भी नहीं हुई । कुछ उदाहरण यहां आपके अवलोकनार्थ उपस्थित किए जा रहे हैं।


नूरपुर के हिंदुओं के लिए योगी आदित्यनाथ बब्बर शेर कदापि नहीं है, हिंदुओं के संरक्षक नहीं हैं, हिंदुओं के हितेषी नहीं है , वे तो मुस्लिम जिहादी मानसिकता के संरक्षक है ,अगर ऐसा नहीं है तो फिर मुस्लिम जिहादी मानसिकता से हिंदुओं की रक्षा क्यों नहीं हो रही है ?हिंदुओं के कर्मकांड पर जिहादी मुसलमानों का कहर क्यो टूट रहा है, जिहादी मानसिकता से पागल मुसलमान क्यो हिंदू कर्मकांड रोकने में सफल हो जाते हैं।
अभी-अभी यूपी के अलीगढ़ जिले में स्थित नूरपुर नामक गांव में हिंदुओं के साथ विभक्त, लोमहर्षक और अमानवीय घटना घटी है , इस घटना में दलित हिंदुओं की दो दो बाराते जबरदस्ती रोकी गई , मुसलमानों ने सीधा फरमान दे दिया कि बारात निकलेगी तो जान ले लेंगे, हिंदुओं की बरात गांव में कभी भी नहीं निकलेगी, हिंदुओं के कर्मकांड नहीं होने देंगे, इस्लाम बहुल गांव में हिंदुओं का कर्मकांड होना इस्लाम का तौहीन है।
बर्बर आतंकी मानसिकता, तालिबानी मानसिकता इस्लामिक जिहादी मानसिकता के सामने दलित हिंदुओं को झुकना पड़ा और दो दो बारते गांव से वापस लौट गई। इससे नूरपुर के हिंदुओं में डर और भय हैं , नूरपुर के हिंदू गांव छोड़ने के लिए तैयार है और अपने घर बिकाऊ होने के बोर्ड लगा दिए हैं, क्योंकि जिहादी मुसलमानों का फरमान है कि गांव छोड़ो या हिंदू मुसलमान बनो। योगी आदित्यनाथ का प्रशासन नूरपुर के हिंदुओं के लिए न्यायपूर्ण संरक्षक नहीं दिया, बल्कि जिहादी मुस्लिम मानसिकता का ही पक्ष लिया।
चंदन गुप्ता की हत्या को याद कीजिए तिरंगा झंडा निकालने पर कासगंज में चंदन गुप्ता की हत्या मुसलमानों की बर्बर भीड़ ने की थी ,हिंदुओं को अपनी हिसा से मुसलमानों ने दग्ध किया था, हिंदुओं की दुकानें लूटी गई थी पर योगी का प्रशासन एक सौ से अधिक हिंदुओं को ही मुकदमे में फंसा दिया। हिंसा और हत्या मुसलमानों ने की पर एक सौ से अधिक हिंदुओं पर मुकदमा होना कहां का न्याय है।
रामबाबू गुप्ता की हत्या को भी याद कीजिए। उनके भतीजे की भी हत्या की याद कीजिए ।यह दोनों हत्याएं तत्कालीन समाजवादी पार्टी के मुस्लिम विधायक ने की थी। रामबाबू गुप्ता योगी आदित्यनाथ के संगठन के जिला अध्यक्ष थे, उन्होंने एक हिंदू लड़की को घर से खींच कर ले जाने का विरोध किया था और जिहादी मुसलमानों से हिंदू लड़की को बचाया था। इस कारण वह मुसलमानों के निशाने पर थे । समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक ने रामबाबू गुप्ता की हत्या कराई ,रामबाबू गुप्ता की हत्या के गवाह उनके भतीजे की भी हत्या तत्कालीन समाजवादी पार्टी के विधायक ने करवा दी थी। इन दोनों घटनाओं पर योगी आदित्यनाथ की वीरता नहीं जगी ।जब योगी मुख्यमंत्री बने तो फिर आशा जगी थी कि रामबाबू गुप्ता के परिजनों को न्याय मिलेगा योगी की सरकार रामबाबू गुप्ता की हत्या और उनके भतीजे की हत्या की एसआईटी जांच या सीबीआई जांच करवाएंगी पर योगी ने ना तो एसआईटी जांच कराई और ना ही सीबीआई जांच कराई।
योगी आदित्यनाथ की सरकार में हिंदुओं की प्रताड़ना की अन्य खबरें भी हैं लेकिन मुख्य रूप से यह तीन उदाहरण साबित करते हैं की योगी आदित्यनाथ सिर्फ नौकरशाही के ही गुलाम हो गए हैं , हिंदुओं के लिए उनकी सरकार एक आइडियल सरकार नहीं है, हिंदू जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में प्रताड़ित हो रहे हैं , अपमानित हो रहे हैं, हिंसा का शिकार हो रहे हैं उसी तरह से योगी आदित्यनाथ के राज्य में भी हिंदू मुसलमानों के सामने दोयम दर्जे के नागरिक हो गए है। इसलिए योगी को बब्बर शेर बताने वाले लोग चमचे हैं बेलचे हैं और फर्जी हिंदू हिंदुत्व के वाहक हैं
इनसे सावधान।


आचार्य श्री विष्णुगुप्त
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Date 05/ 06/ 2021
New Delhi


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