अजय आर्य
नई दिल्ली। उगता भारत ट्रस्ट की ओर से ‘उगता भारत वैबिनार -1 में निर्णय लिया गया कि भारत के इतिहास के हिंदू अतीत को गौरवमयी ढंग से लिखे जाने पर बल दिया जाए। वैबिनार का शुभारंभ करते हुए ‘उगता भारत’ के चेयरमैन देवेंद्रसिंह आर्य ने कहा कि भारत के इतिहास में महाराणा प्रताप प्रताप जैसे महानायकों को उपेक्षित करना और अकबर जैसे लंपट बादशाहों का गुणगान करना वर्तमान भारत के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी है। श्री आर्य ने कहा कि इतिहास को आंचलिक स्तर पर लिखा जाना चाहिए और भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने वाले प्रत्येक क्रांतिकारी का समुचित स्थान उसमें सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा की 2010 में जब उगता भारत ने भारत के इतिहास के दोबारा लिखने की मुहिम जारी की थी तब यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि इतनी जल्दी यह देश में विमर्श का विषय बन जाएगा आज हमारे लिए यह खुशी का विषय है कि पूरे देश में भारत के इतिहास के दोबारा लिखने की मुहिम तेजी से आगे बढ़ रही है। श्री आर्य ने कहा कि यद्यपि उनके द्वारा भारत के 1235 वर्षीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को लेकर 6 खंड प्रकाशित किया चुके हैं, परंतु यह कार्य अभी बहुत ही न्यून है। इस विषय को आगे बढ़ाने के लिए हमें आंचलिक इतिहास पर ध्यान देना होगा। क्रांतिकारी देश भक्तों और राजा महाराजा रहे देशभक्तों को इसमें स्थान दिला कर अपने कर्तव्य की पूर्ति करनी होगी। डॉ आर्य ने कहा कि हमें अपने विद्यार्थियों के लिए भी भारतीय संस्कारों को बढ़ावा देने वाली शिक्षा को लागू करने की मांग सरकार से करनी होगी।
ट्रस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि हमें हिंदू चेतना को जागृत करने के लिए हिंदू धर्म की विशेषताओं को प्रकट करने वाले साहित्य का सृजन करना चाहिए। इसके लिए एक लघु पुस्तिका जारी होनी चाहिए जो हमारी वर्तमान पीढी को हिंदू धर्म की विशेषताओं के विषय में बताने में सक्षम हो। महासचिव राकेश कुमार आर्य ने इस अवसर पर कहा कि ‘उगता भारत’ समाचार पत्र भारत के गौरवमयी इतिहास के लेखन के प्रति पहले दिन से गंभीर रहा है। जिसको हमें इस समय और भी अधिक तेज गति से आगे लेकर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक षड़यंत्र के अंतर्गत जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हिन्दुविरोधी कार्य करने वाले लोगों का पर्दाफाश किया जाना भी समय की आवश्यकता है। वरिष्ठठ समाजवादी चिंतक और प्रोफेसर डॉ राकेश राणा ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय समाज के गिरते मूल्यों को भारतीय सांस्कृतिक चेतना के माध्ययम से ही सुस्थिर किया जा सकता है जिसके लिए उनका समर्थन उगता भारत के साथ है।
इस अवसर पर पूर्व आईएएस और ट्रस्ट के संरक्षक मंडल में विशिष्ट स्थान रखने वाले श्री रघुनाथसिंह राजपुरोहित ने कहा कि राजस्थान का गौरवशाली इतिहास मुगलों की चाटूकारिता के चलते स्वतंत्र भारत में पूर्णतया उपेक्षित कर दिया गया। वर्तमान पीढी अपने पूर्वजों के बलिदानी इतिहास से काट दी गई है। इसलिए इस क्षेत्र में हमें सावधानीपूर्वक ऐसे पाठ्यक्रम को स्कूलों में लगवाना चाहिए जो बच्चों में देशभक्ति के संस्कार पैदा कर सकें। इसके लिए राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री सहित संबंधित मंत्रालयों के साथ पत्राचार किया जाना चाहिए। ट्रस्ट के पूर्वोत्तर भारत के प्रभारी और वरिष्ठ आर्य समाजी नेता योगेश शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि अभी भी भारतवर्ष में सोहरावर्दी जिंदा है। उन्होंने पश्चिमी बंगाल की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां के हालात बहुत दर्दनाक हैं। जिन्हें देखकर कठोर व्यक्ति का हृदय भी पिघल जाएगा। उन्होंने कहा कि सोहरावर्दी की सोच तब तक काम करती रहेगी जब तक कि भारत की संस्कृति और इतिहास के साथ खिलवाड़ करने वाले लोग देश में बने रहेंगे। जबकि आसाम सेेेे प्रतिनिधित्व कर रहे राजकुमार जॉन ने कहा कि असम के इतिहास के नायकों को राष्ट्रीय इतिहास में स्थान प्राप्त होना चाहिए।
इस अवसर पर ‘दिव्य रश्मि’ के संपादक और वरिष्ठ हिंदूवादी चिंतक डॉ राकेश दत्त मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार जिस प्रकार की नीतियों को अपना रही है उसे उचित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकारों की नीतियों की समालोचना आलोचना करना भी बहुत आवश्यक है। जिससे इन्हें प्रेस के माध्यम से एक सक्षम विपक्ष मिलता रहे । उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वह अपना कर्तव्य भूल कर सरकार को मनमानी करने दे रहा है। जिससे राजनीतिक विश्वसनीयता का संकट देश में पैदा हो गया है।
इस अवसर पर ट्रस्ट के संरक्षक मंडल के सदस्य श्री चाहत राम ने कहा कि देश में जातिवादी सोच को बढ़ावा देकर हिन्दू समाज को कमजोर करने की जिस प्रकार कोशिश की जा रही है उसके विरुद्ध भी हमें विशेष कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय जातिविहीन हिंदू समाज के माध्यम से सहृदय भारत का निर्माण करना समय की आवश्यकता है।
इस अवसर पर अपने संदेश में पश्चिमी उत्तरप्रदेश के स्वाभिमान ट्रस्ट के प्रभारी श्री दयाशंकर आर्य ने कहा कि भारतीय धर्म संस्कृति और इतिहास को वर्तमान संदर्भ में स्थापित कराना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।
जबकि ‘उगता भारत’ के उप संपादक रामकुमार वर्मा ने कहा कि राजनीति से अलग हटकर समाचार पत्र और उगता भारत ट्रस्ट को भारत निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए।
वेबीनार को सफल बनाने में महाराष्ट्र में ट्रस्ट के कार्यों का भार संभालने वाले युवा नेता शिवप्रसाद ने अपना विशेष योगदान दिया। वेबीनार में श्रीमती ममता त्यागी, श्रीमती सपना दत्ता, श्री राकेश कुमार नागर एडवोकेट सहित कई लोगों ने भाग लिया। ट्रस्ट के केंद्रीय पदाधिकारी श्रीमती उमा घिल्डियाल और श्री ए0के0 सिंह ने भी ट्रस्ट के निर्णयों से अपनी सहमति व्यक्त की। जो किन्ही कारणों से बैठक में सम्मिलित नहीं हो सके। ग्वालियर से उपस्थित रहे आर्य जेमिनी गोयल ने भी इन कार्यों में पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ राकेश कुमार आर्य द्वारा और अध्यक्षता श्री देवेंद्र सिंह आर्य द्वारा की गई।
अंत में निर्णय लिया गया कि उपरोक्त सभी प्रस्तावों को केंद्र सरकार व संबंधित राज्य सरकारों को प्रेषित किया जाए। अपेक्षा की गई कि भारतीय इतिहास के दोबारा लिखे जाने सहित वर्तमान शिक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन करने संबंधी ट्रस्ट की मांगों पर सरकार गंभीरता से निर्णय लेगी।