Categories
आज का चिंतन कविता

अंधेरा सदा नहीं रह पाता ….

 

 

 

अंधेरा सदा नहीं रह पाता….

रखना ईश्वर पर विश्वास, अंधेरा सदा नहीं रह पाता

जीवन है आशा की डोर ,
आनंद है इसका छोर,
हो जा उसी में भावविभोर,
मनवा कभी नहीं कह पाता …..

जगत में बांटो खुशियां खूब,
तुमसे पाए न कोई ऊब,
जीवन का हो ये दस्तूर,
हर कोई निभा नहीं पाता ……..

आते बड़े बड़े तूफान ,
उनका भी होता अवसान,
जीवन का होगा उत्थान,
मनवा समझ खेल नहीं पाता…..

भर लो जीवन में आनंद,
पुकारो दयालु करुणाकंद,
मिलता उसी से परमानंद ,
जीवन व्यर्थ नहीं रह पाता….

जो नर होता है निष्काम,
योगी कहते आप्तकाम ,
वही नर होता आत्मकाम,
कोई रहस्य नहीं बच पाता……

मनवा हो मत उदास निराश,
मनोबल ऊंचा रख विश्वास,
साधना पूरी करती आस,
‘राकेश’ गीत नहीं गाता ……

— डॉ राकेश कुमार आर्य
संपादक : उगता भारत

Comment:Cancel reply

Exit mobile version