कविता : मन घबराया
मन घबराया
आज मन बड़ा उदास हुआ
अर्धांगिनी ने आकर कहा
मेरे भाई की तबीयत
बहुत खराब हुआ
सो ले चलो उनके पास
मन सोच के घबराया
उसे तो कोरोना हुआ
उसका रो – रो के हाल बुरा
सब ने काफी समझाया
उसे बात समझ में आया
शाम होते तक उसके भाई की खबर काफी अच्छी-खासी आया
आधी रात होते-होते फिर
जिद पकड़ ली हमें तो
जाना है मां के पास
मन को प्रभु के शरणागत
कर भेज दिया
उसे उसकी मां के पास
उसे और समझाया
कोरोना प्रोटोकॉल निभाना
अपना भी ध्यान रखना
साथ सेवा कर इस महामारी
से निजात दिलाना
प्रमोद खीरवाल
#टाटानगर#
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