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आतंकवाद मुद्दा

आतंकवाद : इस सच्चाई से कैसे आंखें मोड़ेंगे , आने वाली संतानों के भविष्य के बारे में सोचिए ….

आर. के. जैन, जयपुर :

जब एक बांग्लादेशी मुस्लिम भारत पहुँचता है और अंबाला जिले में कहीं भटक जाता है, तो उसके पास न पैसे होते हैं और ना ही वो किसी को जानता है।

वो किसी प्रकार सबसे नज़दीकी मस्जिद में पहुँचता है और वहाँ उसे 100% शरण मिल जाती है, मुसलमान होने के कारण।

हर जिले में एक शाही मस्जिद होती है जिससे शहर की हर मस्जिद जुड़ी रहती है।

तत्पश्चात वो बांग्लादेशी अंबाला जिले की शाही मस्जिद में भेज दिया जाता है, जहाँ उसे चोरी छुपे शरण मिल जाती है।

हर जिले की शाही मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद से जुड़ी रहती है।

Jama Masjid Mosque in Delhi, India

दिल्ली की जामा मस्जिद के पास उत्तर भारत के इस्लामीकरण की ज़िम्मेदारी है।
उसके पास उत्तर भारत के हर लोक सभा क्षेत्र का और उसमें रहने वाली मुस्लिम आबादी का रिकार्ड होता है- 100% खरा रिकॉर्ड।

अब वो बांग्लादेशी दिल्ली पहुँच कर जामा मस्जिद में शरण लेता है। जामा मस्जिद यह चैक करती है कि उत्तर भारत के किस लोक सभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी कम है। मान लीजिए उत्तर प्रदेश के झाँसी में मुस्लिम आबादी कम है।

अब असली खेल शुरु..!!

जामा मस्जिद उस बांग्लादेशी को झाँसी जिले की शाही मस्जिद में भेज देती है। झाँसी की शाही मस्जिद के इमाम वक़्फ बोर्ड की सहायता से उस बांग्लादेशी के रहने का प्रबंध करते हैं और उसके रोजगार का भी प्रबंध करते हैं।

वो बांग्लादेशी लोकल मुस्लिम और भ्रष्ट हिन्दू नेताओं और अफसरों की सहायता से भारतीय पासपोर्ट बनवा लेता है।

समाजवादी पार्टी जैसी भ्रष्ट सरकारें वक़्फ बोर्ड को वोट के बदले ज़मीन दे देती है, नगरपालिका के भ्रष्ट अफ़सर रिश्वत लेकर बर्थ सर्टिफिकट बना देते हैं।

पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के अफसर रिश्वत लेकर पासपोर्ट की फाइल बिना किसी वेरिफिकेशन के आगे बढ़ा देते हैं, और दूसरे जरूरी कागजात भी तैय्यार करवा लेता हैं, जैसे कि आधार कार्ड।

अर्थात जो बांग्लादेशी कुछ दिन पहले अंबाला शहर में बिना किसी पैसे और जान पहचान के भटक रहा था, वो झाँसी जिले में रहने वाला एक भारतीय नागरिक बन चुका है।

ये तो एक बांग्लादेशी की कहानी है… देश में रोज बड़ी संख्या में बाग्लादेशी और पाकिस्तानी कबायली बंजारा आते हैं और वक़्फ बोर्ड की सहायता से भारतीय नागरिक बन जाते है।

भारत के अनेक जिलों का, खास कर उत्तर प्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल का धार्मिक समीकरण बिल्कुल बदल चुका है। 2021-22 की जनगणना में इन जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो सकते हैं।
वर्तमान भारतीय सरकार को देश हित के कार्यों में विपक्ष का असहयोग क्यों किया जा रहा है उसकी असली वजह समझने के लिए खुद पढ़े और समझे और अपने हिन्दू बंधुओ को समझाए….
नया आधार लिंक कराने से महाराष्ट्र में 10 लाख गरीब गायब हो गए!

उत्तरखण्ड में भी कई लाख फ़र्ज़ी बीपीएल कार्ड धारी गरीब ख़त्म हो गए !

तीन करोड़ (30000000 ) से जायदा फ़र्ज़ी एलपीजी कनेक्शन धारक ख़त्म हो गए !

मदरसों से वज़ीफ़ा पाने वाले 1,95,000 फर्ज़ी बच्चे गायब हो गए!

डेढ़ करोड़ (15000000 ) से ऊपर फ़र्ज़ी राशन कार्ड धारी गायब हो गए!

ये सब क्यों और कहाँ गायब होते जा रहे हैं !

चोरो का सारा काला चिटठा खुलने वाला है …इसीलिए सारे चोर ने मिलकर माननीय सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दायर कर दी कि आधार लिंक हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है ! चोरों को प्राइवेसी का कैसा अधिकार!

1) कंपनी के MD :मोदी ने फर्जी 3 लाख से ज्यादा कम्पनियां बन्द कर दी है!

2) राशऩ डीलर नाराज़ हो गये!

3) Property Dealer नाराज़ हो गये!

4)ऑनलाइन सिस्टम बनने से दलाल नाराज़ हो गये है!

5) 40,000 फर्जी NGO बन्द हो गये है, इसलिए इन NGO के मालिक भी नाराज़ हो गये !

6) No 2 की Income से Property खरीद ने वाले नाराज़ हो गये!

7) E-Tender होने से कुछ ठेकेदार भी नाराज़ हो गये!

8) गैस कंपनी वाले नाराज़ हो गये!

9) अब तक जो 12 करोड लोग Income टैक्स के दायरे मै आ चुके हैं वह लोग नाराज़ हो गये!
10) GST सिस्टम लागू होने से ब्यापारी लोग नाराज़ हो गये, क्योकि वो लोग Automatic सिस्टम मै आ गये है!

11) वो 2 नम्बर के काम बाले लोग फलना फूलना बन्द हो गये है!

13) Black को White करने का सिस्टम एक दम से लुंज सा हो गया है।

14) आलसी सरकरी अधिकारी नाराज हो गये, क्योकि समय पर जाकर काम करना पड रहा हैं!

15) वो लोग नाराज हो गये, जो समय पर काम नही करते थे और रिश्वत देकर काम करने मे विश्वास करते है।
16) 10 रुपये महीना का कमरा और 300 रु महीना मै खाना खाने वाला 7 साल तक मुफ्त की रोटी तोड़ने वाला JNU का छात्र भी परेशान है मोदी से।

दुख होना लाज़मी है देश बदलाव की कहानी लिखी जा रही है, जिसे समझ आ रही है बदल रहा है जिसे नही आ रही है वो मंदबुध्दि युवराज के #मानसिक_गुलाम हमे अंधभक्त कह कह कर छाती कूट रहे है!

 

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