कोरोना महामारी : आओ दर्द बांटें, दुख के बादल छांटे ….

आओ दर्द बांटे…
दुख के बादल छांटे..

मदद कीजिए या न कीजिये, पर किसी के आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचाइए।
फोटो ना खींचिए और
ना फोटो खिंचवाईये
यकीन रखिए कि ईश्वर आप पर अधिक नजर रखता है

‌आप जानते है इस समय सबसे ज्यादा परेशान मध्यम वर्ग (मिडिल क्लास) के लोग है, जो न अनाज मांग सकते हैं, ना खाना मांग सकते हैं । उधार पे उधार लेकर अपना घर चला रहे हैं और कर्जे से दबते जा रहे हैं…

आईये ऐसे मध्यम वर्ग के लोगो की मदद के लिए कुछ करें

✍️मुहल्ले में बच्चों को पढ़ाने वाली एक लेडिज टीचर के घर आटा और सब्जी नहीं है, मगर वह सादगी से रहने वाली महिला बाहर आकर मुफ़्त राशन वाली लाइन में लगने से घबरा (शरमा) रही है।

फ्री राशन वितरण करने वाले समाजसेवी युवाओं को जैसे ही यह बात पता चली उन्होंने जरूरतमंदों में फ्री आटा व सब्जी बांटना रोक दिया। वो सब पढ़े लिखे युवा थे, आपस में राय व मशवरा किया, बातचीत में यह तय हुआ कि न जाने कितने मध्यम वर्ग के लोग अपनी आंखों में ज़रूरत का प्याला लिए फ़्री राशन की लाइन को देखते हैं, पर अपने आत्मसम्मान के कारण सामने नहीं आते।

✍️राय व मशवरा के बाद उन समाजसेवी युवाओं ने फ़्री राशन वितरण का बोर्ड बदल दिया और दूसरा बोर्ड लगा दिया जिस में लिखा था कि…

✍️स्पेशल ऑफ़र :- हर प्रकार की सब्जी 15 रूपए किलो,
मसाला फ़्री,
आटा, चावल, दाल, चीनी 15 रूपए किलो।
ऐसा बोर्ड मे लिखा देखकर भिखारियों की भीड़ छंट गई और मध्यवर्गीय परिवार के मजबूर लोग हाथ में थोडे बहुत रूपए पकड़े ख़रीदारी की लाईन में लग गए, अब उन्हें इत्मीनान था, आत्मसम्मान को ठेस लगने वाली बात नहीं थी।

✍️इसी लाइन में बच्चों को पढाने वाली टीचर जी भी अपने हाथ में थोड़ी रकम लेकर पर्दे के साथ खड़ी थीं, उनकी आंखें भीगी हुई थी पर घबराहट ना थी। उनकी बारी आई सामान लिया पैसे दिए और इत्मीनान के साथ घर वापस आ गईं, सामान खोला देखा कि जो पैसे उन्होंने ख़रीदारी के लिए दिए थे वह पूरे के पूरे उनके सामान में मौजूद हैं।

✍️समाजसेवी युवाओं ने उनका पैसा वापस उस समान के थैले में डाल दिया था।

✍️ वो समाजसेवी युवक हर खरीददार के साथ यही कर रहे थे, यह सच है कि इस तरह का तारीका दिखावा करने वाले समाजसेवी के लिये नामुमकिन है।

मदद कीजिए पर किसी के आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचाइए। मदद करते समय न फोटो खीचे न कोई विडियो बनाये।
क्योकि यकीन रखिए कि ईश्वर आपके किये गये हर कर्म पर अपनी नजर रखे हुए है …

और अगर आपके बुरे वक्त मे जो भाई, बन्धु – मित्रगण या रिश्तेदार आपका साथ छोड़ रहे उन्हें अनदेखा कीजिये।
सदैव सकारात्मक रहें इसी सोच के साथ कोरोना वायरस से अपना और अपने परिवार का बचाव करते हुये सदैव हंसते रहें, मुस्काराते रहें और चलते रहें जोश, जुनून व जज्बे के साथ…

🙏🏻 दर्द को “बाँटते” रहें, “सुरक्षित” रहें 🙏🏻

ओमप्रकाश चौहान

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