मोदी चाहते थे कि किसान स्वयं समझें कि वह कैसे इन कृषि कानूनों के अन्तर्गत किसानों को बचाना चाहते हैं और उनकी स्थिति बेहतर करने को प्रतिबद्ध हैं।
पंजाब के किसानों ने रोपड़ से 44 ट्रक जो उ.प्र से 1100 रुपये किं० खरीद कर और भटिण्डा मण्डी में बिहार से 1000 रुपया किं० गेहूं खरीद कर लाये गये 100 से भी अधिक ट्रक MSP 1975 रुपये पर बेचने को लाये गये मण्डी में नहीं उतरने दिये और वापिस कराये। पंजाब में अभी पंजाब के किसानों की MSP पर खरीद शुरु भी नहीं हुयी। अब किसानों को समझ आने लगा है आढतियों का खेल कि क्यों पंजाब के छोटे और मंझोले किसानों का कनक (गेहूँ) MSP पर नहीं बिकता था। एक ट्रक में 20 टन गेहूं पर 220/ किं० भाड़ा घटा कर सीधा 1,50,000 रुपये अंटी करते हैं बिचौलिये और आढती। कुल 700 करोड़ का बिचौलिया धंधा पंजाब में केवल गेहूं खरीद में होता है।उपर से किसानों से खरीदे हुये में 6.5% किसानों से और.2.5% FCI से कमीशन अलग। इन्हीं आढतियों की दलाल पंजाब सरकार ने 3-3 मन्त्री केन्द्र के पास भेजे थे कि पैसा किसानों के खाते में न जाकर आढतियों के माध्यम से जाये। जब केन्द्र सरकार ने साफ मना कर दिया तो पंजाब सरकार ने पेमेन्ट ऐप में यह रद्दोबदल कर दी कि पैसा दो दिन बाद ही किसान के खाते में तभी जायेगा जब आढती क्लीयरेंस का बटन दबायेगा और कमीशन का पैसा आढती के खाते में पंजाब सरकार डाल देगी। मतलब साफ है पंजाब में जवान कैप्टन की सरकार का राज नहीं, असली राज आढ़तियों का है।
अब दिल्ली विधानसभा में कृषि बिलों को फाड़ने वाले की नौटंकी करने वाले युगपुरुष की सुनो। दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मण्डी नरेला में MSP पर खरीद को आढतियों ने की ना। कहां लेकर जाये गेहूं दिल्ली का किसान क्योंकि दिल्ली सरकार के पास तो FCI के लिये क्रय करने वाली संस्था ही नहीं। क्या कहोगे अब युगपुरुष?
कहां है वह किसानों का मसीहा बनने वाला हरी टोपी और खाली चौबारे वाला डकैत? कैसे तेरे ही प्रदेश से पंजाब के आढती 1100 रुपये किं० गेहूं खरीद कर ले गये? लेकिन यह भ्रष्त तथाकथित किसान मसीहा कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि उन्हीं पंजाब के आढतियों और खालिस्तानी से करोड़ों डकार जो रखे हैं इसने।
अब यह सारे के सारे मोदी जी के चक्रव्यूह में फंस कर अपने हमाम में खुद ही नंगे होंगे, तेल देखो और तेल की धार देखो।👍🏻🚩
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