अयोध्या : मस्जिद के लिए इकट्ठा हुए सिर्फ ₹20लाख राम मंदिर को मिली 5400 करोड़ रुपयों की धनराशि

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                              अयोध्या में राम मंदिर और धनीपुर में बनने वाले मस्जिद का डिजाइन
बाबरी मस्जिद को पाक जमीन बनाये जाने को साबित करने वालों ने वकीलों पर पता नहीं कितने करोड़ रूपए पानी में बहा दिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद से नए स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए धन जुटाने में समर्थ हैं। राममंदिर के लिए जमा हो रहे धन के दुरूपयोग का दुष्प्रचार करते रहते हैं, लेकिन खुद किस तरह मस्जिद के नाम पर दुनियां को पागल बनाकर अपनी तिजोरियां भरने में मस्त रहे।

अयोध्या में विवादित भूमि का फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में आने के बाद वहाँ राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। लेकिन दूसरी ओर फैसले के समय दूसरे पक्ष को जो 5 एकड़ भूमि मस्जिद के लिए आवंटित की गई थी उस पर निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर की बात है, अभी उसके लिए पर्याप्त धन भी एकत्रित नहीं हो सका है। 

मस्जिद निर्माण के लिए धन न इकट्ठा हो पाने के कारण मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। इकबाल का कहना है कि IICF एक निजी ट्रस्ट है इसलिए लोग उन पर विश्वास नहीं कर रहे। अभी तक इस काम के लिए IICF सिर्फ 20 लाख रुपए ही जुटा पाई है।

वह कहते हैं, अयोध्या धर्म की नगरी है, जहाँ हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्म के लोग रहते हैं। अब 5 किलोमीटर की अयोध्या में सभी धर्मों के मंदिर-मस्जिद गुरुद्वारा बने हुए हैं और देश-विदेश के लोग अयोध्या आते हैं। आज अयोध्या में मंदिर का निर्माण हो रहा है। पूरी दुनिया में लोग राम का नाम लेते हैं, चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू। लेकिन, सवाल अयोध्या का है, जहाँ मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ की भूमि दी गई। अब इसके ट्रस्ट के लोग रह रहे हैं कि अभी तक 20 लाख रुपए ही आए हैं, जबकि राम मंदिर में करोड़ों रुपए आ चुके हैं। यह सब भगवान राम की देन है। उन्हें मानने वाले पूरी दुनिया में लोग मौजूद हैं।

इकबाल के मुताबिक जफर फारूकी द्वारा बनाया गया ट्रस्ट निजी ट्रस्ट है और उनका मानना है कि ट्रस्ट के लोग यदि सामाजिक होते तो मस्जिद निर्माण के लिए बहुत पैसा आता। लेकिन ये लोग सामाजिक नहीं है। इसलिए वे चाहते हैं कि ट्रस्ट में फेरबदल हो। जब तक मौजूदा ट्रस्टी नहीं बदले जाते वह इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।

राम मंदिर को मिल चुके हैं करोड़ों 

अयोध्या मामले पर 9 नवंबर 2019 को हुए फैसले के बाद धनीपुर में मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। इसके बाद वक्फ बोर्ड ने फरवरी 2020 में IICF का गठन किया और सामाजिक सहयोग से मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट के नाम बैंक में खाता खुला। वर्तमान में इस पूरी प्रक्रिया को हुए एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन खाते में सिर्फ़ 20 लाख रुपए आए हैं।

वहीं अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए लोगों ने बढ़ चढ़कर दान किया और 15 जनवरी से शुरू हुई राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के तहत 27 फरवरी तक देश के कोने कोने से ट्रस्ट के पास करोड़ो रुपए आए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे अभियान में केवल 44 दिन में 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हुए और अगर कुल मिलाकर बात की जाए तो अब तक 5457.94 करोड़ की धनराशि एकत्र हो चुकी है।

रिपोर्टस के मुताबिक, राम मंदिर के लिए कूपनों व रसीद के जरिए 2253.97 करोड़ की निधि एकत्र हुई। इसी तरह से डिजीटल माध्यमों से 2753.97 करोड़ व एसबीआई-पीएनबी व बीओबी के बचत खातों में करीब 450 करोड़ की धनराशि एकत्र हुई है।

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