अखिल भारत हिंदू महासभा ———————————————हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनीयर श्याम सुंदर पोद्दार ने कहा पत्रकार बंधु व लोग मुझसे पूछते है हिंदू महासभा ने ये क्या विचित्र नारा दे डाला ।यह लोग शताब्दियों से यहाँ रहते हैं। इनका जन्मसिद्ध अधिकार है भारत में रहने का। फिर हिंदू महासभा इस तरह का नारा क्यों लगा रही है। यह नारा एकदम ग़लत है। मैंने पत्रकार महोदय से कहा हिंदू युवकों का नारा सोलह आने सही है।
सन १९३० के इलाहाबाद में सम्पन्न हुए मुस्लिम लीग के सम्मेलन में मोहम्मद इक़बाल ने अध्यक्षता करते हुए एक प्रस्ताव रखा। पश्चिम में पंजाब, सिंध, बलूचिस्थान, नॉर्थ वेस्ट फ़्रंटियर प्रॉविन्स व कश्मीर, इन सब मुस्लिम बहुसंख्यक प्रदेशों को मिला कर ब्रिटिश भारत के अंतर्गत या स्वतंत्र रूप में एक मुस्लिम राज्य का निर्माण करना मुस्लिम लोग का उद्देश्य है। जो सर्वसम्मति से पारित हुआ। दूसरे दिन कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य मोहम्मद अली ने इसके समर्थन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री को तार दिया, यदि हमारी यह माँग नही मानी गयी, तो रक्त स्नान होगा। इसके दस वर्ष बाद मुस्लिम लीग के लाहौर सम्मेलन में इस्लामिक स्टेट के निर्माण के लिए प्रस्ताव पारित हुआ। उसके अनुसार पश्चिम के मुस्लिम बाहुल्य प्रदेशों को मिलाकर इस्लामिक पाकिस्तान व पूर्व का बंगाल, जो मुस्लिम बहुसंख्यक प्रदेश था,वह भी जोड़ दिया गया। १९४५ के केंद्रीय विधानसभा (अब लोकसभा) के चुनाव में मुस्लिम लीग ९३ प्रतिशत वोट के साथ सभी ३० मुस्लिम सीट जीत गई व बंगाल में शासन प्राप्त कर लिया। इस चुनाव में मुस्लिम लीग का साफ़ साफ़ कहना था कि हमारा इस्लाम धर्म हमें काफिरों के साथ रहने की इजाज़त नही देता। इसलिए हमें मुस्लिम होमलेंड पाकिस्तान चाहिए। गांधी ने कहा था, पाकिस्तान का निर्माण मेरी लाश पर होगा। पाकिस्तान का निर्माण गांधी की लाश पर तो नही हुआ पर २० लाख हिंदुओं की लाश पर अवश्य हुआ। संयुक्त भारत में मुस्लिम २३ प्रतिशत थे। पर ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं को ७७ प्रतिशत होने के बावजूद ७० प्रतिशत ज़मीन दी तथा इनको ३० प्रतिशत दी। अपनी होम लैंड पा जाने के बाद ये तो पाकिस्तान नहीं गए और यही जमे रहे। पर पाकिस्तान में जहाँ २३ प्रतिशत हिंदू थे, उन हिंदू को शून्य कर दिया। पूर्वी पाकिस्तान नया नाम बांग्लादेश जहाँ ३० प्रतिशत हिंदू थे , उनको ६ प्रतिशत में लाकर खड़ा कर दिया। भारत में बढ़ती हुईं आबादी का बोझ यहाँ की ज़मीन नहीं सम्भाल सकती। तो आपके हिस्से की ज़मीन पाकिस्तान में है ।जमीन वहाँ से लाए। अन्यथा हमको आपको उसी तरह पाकिस्तान भेजना होगा, जिस तरह आप लोगों ने पाकिस्तान से हिंदुओं को भेजा है।
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